सहायक शिक्षक भर्ती में सरकार का अहम फैसला, अब सभी कापियों की स्क्रूटनी

लखनऊ/इलाहाबाद । परिषदीय स्कूलों की 68500 सहायक अध्यापक भर्ती की अब सभी कापियों की स्क्रूटनी कराने का राज्य सरकार ने फैसला किया है। कुल 107873 कापियों की स्क्रूटनी एक सप्ताह में कर ली जाएगी। इससे कापियों के गलत मूल्यांकन की पूरी वस्तुस्थिति सामने आ जाएगी। इस बीच संबंधित प्रकरण की जांच के लिए गठित समिति भी अपनी रिपोर्ट को अंतिम रूप देने में जुट गई है। समिति के पास पांच सौ से अधिक शिकायतें पहुंची हैं। छानबीन में सौ से अधिक अभ्यर्थियों की शिकायतों में दम पाया गया है। सरकार बुधवार को पूरे मामले में अब तक की गई कार्रवाई की स्टेटस रिपोर्ट भी इलाहाबाद हाईकोर्ट में पेश करेगी।

गौरतलब है कि भर्ती परीक्षा की कापियों के मूल्यांकन और नंबर जोडऩे में गड़बड़ी का मामला प्रकाश में आने पर सरकार ने पूरे प्रकरण की जांच के लिए गन्ना विभाग के प्रमुख सचिव संजय आर भूसरेड्डी की अगुवाई में समिति का गठन कर रखा है। समिति के दो सदस्य सर्व शिक्षा अभियान के निदेशक वेदपति मिश्र व बेसिक शिक्षा निदेशक डा. सर्वेंद्र विक्रम बहादुर सिंह दो बार परीक्षा संस्था कार्यालय का दौरा कर चुके हैं। अभ्यर्थियों ने भी उनसे मुलाकात करके अपनी शिकायतें दर्ज कराई हैं।

जांच समिति के सदस्यों के सामने अफसरों ने स्वीकार किया कि यह गड़बड़ी इसलिए हो गई, क्योंकि कॉपी पर दर्ज अंकों की जगह एवार्ड ब्लैंक में बार कोड का नंबर लिख गया। इसी तरह से बार कोडिंग में भी कई अन्य की कॉपियां या तो मिली नहीं हैं, या फिर बदल गई हैं। सूत्रों के समिति इस बात से मुतमईन है कि गड़बडिय़ां हुई हैैं। समिति के अध्यक्ष भूसरेड्डी ने बताया कि शिकायतों की जांच कर जल्द ही रिपोर्ट शासन को सौंप दी जाएगी।

इस बीच बेसिक शिक्षा के अपर मुख्य सचिव डा. प्रभात कुमार ने बताया कि सरकार ने समिति से शिकायतों की जांच कराने के अलावा सभी कापियों की स्क्रूटनी कराने का भी फैसला किया है।

उन्होंने बताया कि स्क्रूटनी का काम तेजी से चल रहा है। डा. कुमार ने कहा कि हर एक कापी की स्क्रूटनी से पूरी स्थिति और भी साफ हो जाएगी। स्क्रूटनी का काम जल्द से जल्द पूरा करने के लिए 20 से अधिक टीमें लगाई गई हैैं। इसमें लगभग सौ अधिकारी लगाए गए हैं। स्क्रूटनी करने में कोई गड़बड़ी न हो सके इसके लिए संबंधित अधिकारियों से प्रमाणपत्र भी लिया जाएगा। सूत्र बताते हैं कि गोपनीय ढंग से कापियों की स्क्रूटनी तेजी से शुरू भी हो चुकी है और अब तक लगभग 37 हजार कापियों की स्क्रूटनी पूरी कर ली गई है। सूत्रों के मुताबिक अब तक की स्क्रूटनी में दोनों तरह की कापियां मिली हैं। कुछ में जहां नंबर बढ़े हैं वहीं कुछ में नंबर घटे भी हैैं। परीक्षा कराने वाली एजेंसी की भूमिका की भी जांच की जा रही है।

डा. कुमार ने स्पष्ट कहा कि जांच रिपोर्ट और स्क्रूटनी के नतीजे आते ही सरकार बिना देर किए उचित फैसला लेगी। सभी दोषियों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाएगी और जो अभ्यर्थी पास होंगे उनके नतीजे घोषित कर उन्हें नियुक्ति पत्र दिए जाएंगे। इससे पहले अभ्यर्थियों का एक समूह मंगलवार को शासन में अधिकारियों से मिलने की कोशिश करता रहा। इनका आरोप है कि कापियों में सिर्फ बार कोडिंग की गड़बडिय़ां नहीं हैैं, बल्कि कई उत्तर पुस्तिकाओं से भी छेड़छाड़ हुई है। अपने इस आरोप के समर्थन में अभ्यर्थियों ने शासन के अधिकारियों को स्कैन और कार्बन कापियां भी भेजी हैं।

उजागर होगा सच, सुझाव भी होंगे

उच्च स्तरीय समिति ने अभ्यर्थियों व अन्य से गड़बड़ी के साक्ष्य भी लिए हैं। साथ ही परीक्षा संस्था कार्यालय में करीब सात हजार से अधिक ने स्कैन कॉपी के लिए दो हजार रुपये जमा किया है। रिपोर्ट में सफल अभ्यर्थियों को नियुक्ति देने की सिफारिश, परीक्षा का पैटर्न बदलने को कहा जाएगा, ताकि आगे ऐसी गड़बड़ी दोबारा न हो। अगली परीक्षा ओएमआर शीट पर ही होगी। वहीं, परीक्षा संस्था में लंबे समय से जमे कर्मचारियों को हटाने व दोषियों पर सख्त कानूनी कार्रवाई करने की सिफारिश की जा सकती है।

सीबीआइ जांच पर सुनवाई आज

भर्ती की सीबीआइ जांच पर इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ बुधवार को सुनवाई कर सकती है। इस बारे में एक जनहित याचिका दाखिल की गई है। मंगलवार को इस याचिका पर सुनवाई नहीं हो सकी। बता दें कि भर्ती का परीक्षाफल हाईकोर्ट इलाहाबाद में योजित याचिका विद्याचरण शुक्ल व बनाम अन्य बनाम उप्र राज्य व अन्य में पारित होने वाले निर्णय के अधीन है। ज्ञात हो कि यह भर्ती सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर कराई गई। 25 जुलाई, 2017 को शीर्ष कोर्ट ने शिक्षामित्रों का समायोजन रद करके उन्हें दो अवसर दिए जाने का निर्देश दिया था।

भर्ती के कुल पद – 68500

लिखित परीक्षा में उत्तीर्ण – 41556

ऑनलाइन जिला वरीयता – 40796

पहली सूची में चयनित – 34660

दूसरी सूची में चयनित – 6127

अचयनित – नौ अभ्यर्थी