सरकार ने स्कूल मानक प्राधिकरण बना कर पल्ला झाड़ा, प्राइवेट स्कूलों में स्कूल फीस-एडमिशन कैसे होगा कंट्रोल!

स्कूलों में फीस और एडमिशन को नियंत्रित करने के लिए सरकार ने आचार संहिता से पहले आननफानन में स्कूल मानक प्राधिकरण बना तो दिया है, लेकिन न उसका खाका ही तय किया और न ही अधिकार। अब शिक्षा विभाग उलझन में है कि बिना कानूनी ताकत के यह प्राधिकरण आखिर काम कैसे करेगा और इसकी बात सुनेगा कौन?

 सरकार ने चुनाव से ऐन तीन दिन पहले ही प्राधिकरण बनाकर अपना पल्ला झाड़ लिया है। पांच जनवरी 2022 को जारी आदेश में राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) को प्राधिकरण के रूप में काम करने की जिम्मेदारी दे दी गई।

एससीईआरटी के अधिकारी प्राधिकरण को लेकर उलझन में हैं कि इसे सक्रिय कैसे किया जाए। सूत्रों के अनुसार अब तक प्राधिकरण को लेकर तीन तीन बैठकें हो चुकी हैं। पर कोई ठोस नतीजा नहीं निकल पाया।

अधिकारी का कहना है कि निजी स्कूलों पर नियंत्रण के लिए प्राधिकरण के पास कानूनी अधिकार होना जरूरी है। बिना कानूनी अधिकार मिले प्राधिकरण का औचित्य नहीं होगा। इस संबंध में एससीईआरटी के अपर निदेशक डॉ. आरडी शर्मा प्राधिकरण पर टिप्पणी करने से बचे।