
जिले में वायरल फीवर का प्रकोप बढ़ा हुआ है। बड़े से लेकर बच्चे तक बीमार हैं। वायरल फीवर के कारण इस वर्ष इंसेफेलाइटिस के मामले भी बढ़ने लगे हैं। इसने अधिकारियों के माथे पर शिकन ला दिया है।
बीआरडी मेडिकल कॉलेज में इस वर्ष अब तक 278 मरीज भर्ती हो चुके हैं जिसमें 24 की मौत हुई है। इस समय 27 मरीजों का इलाज बीआरडी के इंसेफेलाइटिस वार्ड में चल रहा है। इसमें ज्यादातर बच्चे हैं। जिला अस्पताल के इंसेफेलाइटिस वार्ड में 13 बच्चों का इलाज चल रहा है। गोरखपुर में इंसेफेलाइटिस का प्रकोप पिछले वर्ष की अपेक्षा कुछ अधिक हुआ है। इस वर्ष अब तक 120 इंसेफेलाइटिस के मरीज जिले में सामने आए हैं जिसमें से सात मरीजों की मौत हुई है। वहीं पिछले साल आज के दिन तक यह आंकड़ा 81 मरीजों का रहा था। जबकि पिछले साल छह मासूमों की मौत हुई थी।
तेज बुखार के साथ बिगड़ रही मानसिक स्थिति
बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. आरके सिंह ने बताया कि तेज बुखार के साथ ही बच्चों की मानसिक स्थिति बिगड़ रही है। कई बार तो वायरल फीवर में हाई ग्रेड फीवर हो रहा है। बच्चों में 103 से 104 डिग्री फारेनहाइट तक बुखार चढ़ जा रहा है। इसके कारण उनके मानसिक स्थिति में बदलाव आ जा रहा है। इस वजह से भी इंसेफेलाइटिस के मामले बढ़ सकते हैं।
बोले सीएमओ
इस वर्ष इंसेफेलाइटिस के मामले आंशिक तौर पर बढ़े हैं। राहत की बात यह है कि इसमें जापानी इंसेफेलाइटिस के मामले एक भी नहीं है। एईएस की कई वजहें हैं। सभी का इलाज किया जा रहा है।
– डॉ. सुधाकर पाण्डेय, सीएमओ