राकेश टिकैत ने कही यह बात: कृषि कानून रद्द होते ही किसानों की घर वापसी शुरू?

केंद्र सरकार सोमवार को संसद में द्वारा तीनों विवादित कृषि कानूनों के वापस लेने के बाद अब कुछ प्रदर्शन स्थलों से किसानों द्वारा आंदोलन खत्म कर घर लौटने की खबरें आने लगी हैं। हालांकि, भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने इन खबरों को निराधार और अफवाह बताया है।

किसान नेता राकेश टिकैत ने मंगलवार को कहा कि किसानों के घर वापसी की अफवाह फैलाई जा रही है। न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) गारंटी कानून और किसानों पर मुकदमा वापस किए बिना कोई किसान यहां से नहीं जाएगा।

किसान यूनियनों की एक दिसंबर को आपात बैठक

 भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) कादियान के अध्यक्ष हरमीत सिंह कादियान ने सोमवार को एक बयान में कहा कि एक दिसंबर को होने वाली बैठक विशेष बैठक है जो पिछले कुछ समय में सरकार के साथ 11 दौर की बातचीत करने वाले किसान संगठनों के प्रतिनिधियों द्वारा आयोजित की जाएगी।

सरकार ने सोमवार को शुरू हुए संसद के शीतकालीन सत्र में कानूनों को आधिकारिक रूप से वापस लेने का विधेयक पेश किया, जिसे दोनों सदनों ने ध्वनिमत से मंजूरी दे दी। अब यह विधेयक राष्ट्रपति की मंजूरी के लिए जाएगा।

नरेश टिकैत ने किया कृषि कानून वापस लेने के कदम का स्वागत

भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) के राष्ट्रीय अध्यक्ष नरेश टिकैत ने केन्द्र सरकार के कृषि कानून निरस्त करने के कदम का मंगलवार को स्वागत किया, लेकिन साथ ही उन्होंने मांग की कि आंदोलन कर रहे किसानों से न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) तथा अन्य मुद्दों पर बातचीत की जाए। संसद में सोमवार को कृषि कानूनों को निरस्त किए जाने संबंधी विधेयक को पारित कर दिया गया था। किसान पिछले एक साल से इन कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे थे। सिसौली में भाकियू मुख्यालय में पत्रकारों से बात करते हुए टिकैत ने कहा कि दिल्ली की सीमाओं पर जारी आंदोलन को खत्म करने के बारे में निर्णय संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) द्वारा किया जाएगा। एसकेएम के नेतृत्व में ही करीब 40 किसान यूनियन आंदोलन कर रहे हैं। टिकैत ने कहा कि केन्द्र के कानूनों को वापस लेने का वादा करने के बाद किसानों ने शीतकालीन सत्र के पहले दिन संसद की ओर प्रस्तावित ‘ट्रैक्टर मार्च’ रद्द कर दिया था।