यूपी पुलिस: दिल्ली पुलिस को सूचित किए बिना गिरफ्तारी की जांच के लिए SIT का गठन किया

दिल्ली पुलिस की जानकारी के बगैर ही दो व्यक्तियों की गिरफ्तारी की घटना की जांच के लिए एक विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया है। एक लड़के ने जिस लड़की से शादी की थी, उसके परिवार के सदस्य इस शादी के खिलाफ थे। इसके बाद यूपी पुलिस ने लड़के के भाई और पिता को गिरफ्तार कर लिया था।

बुधवार को सूचित किया गया कि परिवार के दोनों सदस्यों को छोड़ दिया गया है तथा क्लोजर रिपोर्ट भी दायर कर दी गई है। इससे पहले जस्टिस गुप्ता ने कहा था कि दिल्ली पुलिस के अधिकार क्षेत्र में आने वाले लोगों को स्थानीय पुलिस को जानकारी दिए बिना यूपी पुलिस द्वारा गिरफ्तार नहीं किया जा सकता था।

उत्तर प्रदेश की ओर से पेश अतिरिक्त महाधिवक्ता गरिमा प्रसाद ने दलील दी कि संबंधित थाना प्रभारी और जांच अधिकारी को भी निलंबित कर दिया गया है। प्रसाद ने कहा कि राज्य (उत्तर प्रदेश) ने इसे गंभीरता से लिया है। डीएसपी रैंक के एक अधिकारी एसआईटी का नेतृत्व कर रहे हैं। हम सुनिश्चित करेंगे कि न्याय मिले। सभी गलतियों की विस्तार से जांच की जाएगी।

उत्तर प्रदेश पुलिस को एसआईटी रिपोर्ट के आधार पर स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया। साथ ही अदालत ने टिप्पणी की कि जब एफआईआर से ही पता चल जाता है कि विचाराधीन लड़की बालिग है तो संबंधित पुलिस अधिकारियों को उसकी इच्छा जानने के लिए पहले उसका बयान दर्ज करना चाहिए था।

अदालत ने यूपी पुलिस से कहा, ”… लेकिन अगर याचिकाकर्ता का बयान सही है (कि परिवार के सदस्यों को यूपी पुलिस ने दिल्ली से गिरफ्तार किया था) तो यह बहुत गंभीर बात है और गिरफ्तारी को कहीं और दिखाया गया है। इस संबंध में आपकी क्या जांच है?”

उत्तर प्रदेश की ओर से पेश वकील ने कहा कि अदालत द्वारा उठाए गए मुद्दों पर अपनी रिपोर्ट को अंतिम रूप देने में एसआईटी को छह से आठ सप्ताह का समय लगेगा। मामले में अगली सुनवाई 11 जनवरी को होगी।