भगोड़ा घोषित करने के खिलाफ दायर विजय माल्या की याचिका खारिज

मुंबई, एजेंसी। बैंकों के हजारों करोड़ रुपये लेकर देश से भागे शराब कारोबारी विजय माल्या को एक हफ्ते में कोर्ट से दूसरी बार तगड़ा झटका लगा है। गुरुवार को मुंबई स्थित विशेष अदालत ने विजय माल्या की उस याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें उसे भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित करने और उसकी संपत्तियां जब्त करने के प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के आग्रह पर सुनवाई स्थगित करने की मांग की गई थी। इससे पूर्व 22 नवंबर को बांबे हाई कोर्ट ने भी माल्या की इसी तरह की मांग वाली एक याचिका को ठुकरा दिया था।

दरअसल, 22 जून को ईडी ने विशेष पीएमएलए (प्रिवेंशन ऑफ मनी लांड्रिंग एक्ट) अदालत में याचिका दायर कर माल्या को भगोड़ा आर्थिक अपराधी कानून के तहत भगोड़ा घोषित करने की मांग की। इस कानून के प्रावधानों के तहत किसी व्यक्ति के एक बार भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित हो जाने के बाद अभियोजन एजेंसी को आरोपी की संपत्ति जब्त करने का अधिकार मिल जाता है। इस प्रकार अगर अदालत माल्या को भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित कर देती है तो ईडी उसकी 12,000 करोड़ के करीब अनुमानित संपत्तियों को जब्त कर सकता है। ईडी की अर्जी पर विशेष पीएमएलए कोर्ट ने माल्या को समन जारी कर 27 अगस्त को अदालत में हाजिर होने का हुक्म दिया था, लेकिन वह नहीं पेश हुआ।

इसके बाद कई और समन जारी हुए, लेकिन पेश नहीं हुआ। फिर उसके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी हुआ। आखिर में ईडी ने विशेष पीएमएलए अदालत से माल्या को भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित करने की मांग की। अभियोजन एजेंसी की इस कार्रवाई पर माल्या सक्रिय हुआ और उसके वकील अमित देसाई ने ईडी के आग्रह पर सुनवाई स्थगित करने की मांग करते हुए याचिका दाखिल की थी।