पोस्ट कोविड इफेक्ट पर जानें विशेषज्ञ की राय, कोरोना तो ठीक हो गया अब कान में सीटी बजा रहा वायरस?

कोरोना के केस भले कम हो गए हों लेकिन संक्रमण का असर लोगों को तरह-तरह की बीमारियां दे रहा है। यह शरीर के कई अंगों को अपनी चपेट में ले रहा है। दिल, दिमाग, आंख के अलावा कान पर भी असर कर रहा है। इसके कारण कान की बीमारी हो रही है। सुनने की क्षमता कम हो रही है। कान में दर्द, भारीपन, सनसनाहट, घंटी या सीटी बजने जैसी आवाज महसूस हो रही है।

नसों पर वार कर रहा है वायरस

यह दिक्कत वायरल इंफेक्शन की वजह से होती है। कोरोना भी वायरस है। सामान्य वायरल फीवर में भी वायरस का ही इंफेक्शन होता है। इन दोनों तरह के मामलों में मरीजों में सेंसेरी न्यूरल हियरिंग लॉस के मामले बढ़ रहे हैं। बड़ी संख्या में इसके मरीज आ रहे हैं।

60 फीसदी खुद हो जाते हैं ठीक

ईएनटी विशेषज्ञ डॉ. अर्पित श्रीवास्तव ने बताया कि यह कोरोना या सामान्य वायरस न्यूरोपैथी क्रिएट करता है। इसके संक्रमण से कान की नसों को नुकसान होता है। 60 फीसदी मामलों में यह बीमारी स्वत: ठीक हो जाती है। 40 फीसदी को इलाज की जरूरत पड़ती है।

सनसनाहट, सीटी या घंटी बजने जैसे लक्षण

बीआरडी मेडिकल कॉलेज के डॉ. आदित्य पाठक के मुताबिक इसे टीनीटस कहते हैं। मरीज कान में सनसनाहट, आवाज सुनाई देने, सीटी या घंटी बजने, कान में भारीपन जैसी शिकायत लेकर ओपीडी में आ रहे हैं।

डॉक्टर से करें तत्काल संपर्क

डॉ. संतोष शंकर रे कहते हैं कि समय से इलाज मिलने पर यह बीमारी काफी हद तक ठीक हो सकती है। इस मामले में मरीज को लापरवाही नहीं करनी चाहिए। आमतौर पर मरीज कान की सनसनाहट या भारीपन को नजरअंदाज करते हैं। यह लापरवाही उन्हें उम्रभर की बीमारी दे सकती है।

डॉक्टर से करें तत्काल संपर्क

डॉ. संतोष शंकर रे कहते हैं कि समय से इलाज मिलने पर यह बीमारी काफी हद तक ठीक हो सकती है। इस मामले में मरीज को लापरवाही नहीं करनी चाहिए। आमतौर पर मरीज कान की सनसनाहट या भारीपन को नजरअंदाज करते हैं। यह लापरवाही उन्हें उम्रभर की बीमारी दे सकती है