पीएम मोदी के फैसले का करें सम्मान : कृषि कानून वापसी की घोषणा के बाद सीएम खट्टर किसानों से अपील,धरना खत्म कर लौटें घर

हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने शुक्रवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कृषि कानून वापस लेने की घोषणा के बाद किसानों को अब धरना खत्म कर अपने घरों को लौटना चाहिए।

 प्रधानमंत्री ने बड़ा मन दिखाते हुए और गतिरोध समाप्त कर अब इन्हें वापस लेने की घोषणा कर दी है तो इस पर भरोसा करना चाहिए और अगर भरोसा नहीं है तो यह दुख की बात है।

उन्होंने कहा कि क्योंकि प्रधानमंत्री जो कहते हैं, उसे पूरा भी करते हैं। उन्होंने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा और किसान नेताओं ने भी प्रधानमंत्री के फैसले का स्वागत किया है। उन्होंने कहा कि केंद्र और राज्य सरकार ने सदैव किसानों के हित में फैसले लिए हैं और कृषि कानून लागू करने के पीछे भी यह उद्देश्य था।

राज्यों में आगामी विधानसभा चुनाव होने को लेकर विपक्षी नेताओं के प्रतिक्रियाओं को लेकर मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि इसका चुनावों से कोई लेना-देना नहीं है। देश में चुनाव तो हर साल होते ही रहते हैं। अगर इन कानूनों को पहले वापस ले लिया जाता तो कहा जाता कि इन्हें असम विधानसभा चुनावों के मद्देनजर वापस लिया गया है।

किसानों की केंद्र सरकार के साथ 11 दौर की बातचीत हुई, लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला। इसके बाद भी सरकार किसानों के सम्पर्क में थी। अनौपचािरिक स्तर पर भी बातचीत हुई और इनमें से जो जानकारी निकल कर आ रही थी उससे भी केंद्र को अवगत कराया जाता रहा।

सरकार समय रहते मान जाती तो 700 से अधिक किसानों की जान नहीं जाती : दीपेंद्र हुड्डा

तीन कृषि कानूनों को वापस लेने की घोषणा पर सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने किसानों को बधाई देने के साथ कहा कि यदि केंद्र सरकार समय रहते किसानों की मांगें मान लेती तो 700 से अधिक किसानों की जान नहीं जाती। उन्होंने यहां जारी बयान में कहा कि आज प्रधानमंत्री की घोषणा से स्पष्ट हो गया है कि किसानों की मांगें जायज थीं। हुड्डा ने मांग की कि सरकार दिवंगत किसानों के परिजनों को सरकारी नौकरी तथा आर्थिक सहयोग दे साथ ही एक साल के आंदोलन के दौरान किसानों पर दर्ज मुकदमें तुरंत वापस ले।