
पहली बार मासिक धर्म आने से परेशान 12 साल की बच्ची ने गुरुवार शाम फांसी का फंदा लगाकर खुदकुशी कर ली। मामला बुराड़ी इलाके का है।
पुलिस के अनुसार, बच्ची परिवार के साथ संत नगर में रहती थी। वह स्थानीय पब्लिक स्कूल में पांचवीं कक्षा की छात्रा थी। परिजनों के मुताबिक, गुरुवार शाम को वह अपने कमरे में अकेली थी। इसी दौरान उसने दरवाजा अंदर से बंद कर लिया और चुन्नी का फंदा बनाकर पंखे से लटककर खुदकुशी कर ली।
थोड़ी देर बाद परिजनों को घटना की जानकारी मिली तो उनके होश उड़ गए। परिजनों ने आननफानन में दरवाजा तोड़कर बच्ची को फंदे से उतारा और अस्पताल ले गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। सूचना पर पहुंची पुलिस ने मौके पर जांच पड़ताल की।
सुसाइड नोट नहीं मिला: बच्ची के कमरे से कोई सुसाइट नोट नहीं मिला। वहीं, बच्ची की बड़ी बहन ने पुलिस को बताया कि दो दिन पहले उसे पहली बार मासिक धर्म आया था। इससे वह तनाव में आ गई थी। हालांकि, बड़ी बहन ने उसे बहुत समझाया, लेकिन उसकी परेशानी कम नहीं हुई। परिवार का कहना है कि इसी वजह से बच्ची ने खुदकुशी कर ली।
सर गंगाराम अस्पताल के मनोचिकित्सक डॉक्टर राजीव मेहता ने बताया कि पहले 13 से 14 साल की उम्र में किशोरियों के शरीर में बदलाव देखने को मिलते थे। ये बदलाव अब 11 से 12 साल में होने लगे हैं। मगर इस उम्र में बच्चियां इन बदलावों के लिए मानसिक रूप से तैयार नहीं होती हैं। इस बारे में बच्चियों को पहले से जानकारी देना जरूरी है, ताकि वे इसके लिए मानसिक रूप से तैयार हो सकें।