पंजाब की सियासत में बड़े बदलाव के संकेत, कांग्रेस नवजोत सिद्धू पर ले सकती है बड़ा फैसला

अमृतसर। पंजाब की राजनीति में बदलाव के संकेत मिलन रहे हैं। कांग्रेस नवजोत सिंह सिद्धू या उनकी पत्‍नी को लेकर बड़ा फैसला कर सकती है। भारतीय जनता पार्टी की टिकट पर अमृतसर से लोकसभा चुनाव में जीत की हैट्रिक बना चुके नवजोत सिंह सिद्धू का नाम एक बार चर्चा में है। पिछले पंजाब विधानसभा चुनाव से ठीक पहले कांग्रेस ज्वाइन करने वाले सिद्धू को पार्टी यहां से लाेकसभा चुनाव में मैदान में उतार दे तो कोई आश्चर्य नहीं होगा। वैसे बताया जात है कि सिद्धू अपनी पत्‍नी डाॅ. नवजोत कौर सिद्धू को लोकसभा चुनाव में अमृतसर से कांग्रेस टिकट दिलवाना चाहते हैं।

सियासी गलियारों में चर्चा है कि मुख्यमंत्री कैप्टन अमसिंदर सिंह खुद चाहते हैं कि नवजोत सिंह सिद्धू अमृतसर से लोकसभा चुनाव लड़ें। यह अलग बात है कि आधिकारिक रूप से कैप्टन या पार्टी की ओर से इस संबंध में अभी तक कोई बयान नहीं आया है। सिद्धू को लेकर चर्चाओं से पंजाब की रा‍जनी‍ति सरगर्म हो गई है।

नवजाेत सिद्धू या उनकी पत्‍नी डॉ. सिद्धू को अमृतसर लोकसभा सीट से उतार सकती है कांग्रेस

प्रदेश के माझा क्षेत्र में अहम मानी जाने वाली अमृतसर लोकसभा सीट से कांग्रेस किसे अपना प्रत्याशी बनाएगी, इसे लेकर सियासी जानकार अपना-अपना गणित लगा रहे हैैं। अब तक 19 बार हुए लोकसभा चुनाव में इस सीट पर 12 बार कांग्रेसी उम्मीदवार जीते हैैं। 2017 के उपचुनाव में यहां से कांग्रेस के गुरजीत सिंह औजला ने जीत हासिल की थी।

डॉ. सिद्धू ने भी बढ़ा रखी है सक्रियता, सीएम कैप्टन अमरिंदर भी चाहते हैैं कि सिद्धू लड़ें लोकसभा चुनाव

कैप्टन सरकार में स्थानीय निकाय मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू के करीबियों की मानें तो वे अपनी धर्मपत्नी व पूर्व मुख्य संसदीय सचिव डॉ. नवजोत कौर सिद्धू को अमृतसर सीट से आगामी लोकसभा चुनाव में उतारने के लिए लॉबिंग कर रहे हैं। डॉ. सिद्धू की पिछले समय में शहर में बढ़ी सक्रियता भी इस तरफ इशारा करती है।

दूसरी तरफ, वर्तमान सांसद औजला भी इस दौड़ में पीछे नहीं हैं। औजला की लगातार सक्रियता उनकी दावेदारी को मजबूत करती है, पर कांग्रेसी विधायकों से उनकी अंदरखाते दूरी अड़चन बढ़ा सकती है। प्रसिद्धू बॉलीवुड अभिनेता राजेश खन्ना परिवार के नजदीकी राजेश रसीन भी कांग्रेस से टिकट के दावेदार जताने की तैयारी में हैं। पहले भी वह पार्टी टिकट के लिए सक्रिय रहे हैं, लेकिन काफी समय से  शांत बैठे हुए थे। लोकसभा चुनाव नजदीक आने के बाद फिर सक्रिय हो गए हैं।

छह बार सांसद रहे भाटिया को सिद्धू ने हराया था

कांग्रेस ने अमृतसर लोकसभा सीट के लिए 19 बार हुए चुनाव में 12 बार जीत दर्ज की। सबसे अधिक बार  आरएल भाटिया यहां से विजयी रहे। वह यहां से छह बार सांसद चुने गए। वह बाद में केरल के राज्यपाल भी रहे। सरदार गुरमुख सिंह मुसाफिर ने इन सीट पर सबसे पहले हैट्रिक बनाई। वे 1952, 1957 व 1967 में लगातार विजयी रहे। भाटिया इस सीट पर हैट्रिक तो नहीं बना सके, पर लंबे समय तक अपना दबदबा कायम रखे।

नवजोत सिंह सिद्धू ने भाटिया का दबदबा खत्म किया और 2004, 2007 व 2009 में लगातार जीत दर्ज करते हुए हैट्रिक बनाई। 2014 में उनकी टिकट काटकर भाजपा ने अरुण जेटली को मैदान में उतारा। इससे सिद्धू नाराज हो गए और 2016 में भाजपा छोड़ दिए।

फिलहाल अमृतसर क्षेत्र के 9 में से 8 विधानसभा हलकों पर कांग्रेस का कब्जा

अमृतसर लोकसभा सीट के तहत आते नौ विधानसभा हलकों में से आठ पर कांग्रेस के विधायक जीते हैं। इनमें से तीन नवजोत सिंह सिद्धू, ओमप्रकाश सोनी और सुखबिंदर सिंह सुखसरकारिया पंजाब सरकार में मंत्री हैैं। कांग्रेसी उम्मीदवार के लिए इन हलकों में अपने विधायक होना जहां सुखद रहेगा, वहीं इन सबको साथ लेकर चलना किसी चुनौती से भी कम नहीं होगा।