
जमीन व टूर पैकेज के नाम पर दो करोड़ से अधिक की धोखाधड़ी और निवेशकों के साथ मारपीट मामले के आरोप में नीलगिरी इंफ्रासिटी की जांच के लिए पुलिस आयुक्त ने एसआईटी गठित कर दी है। एसआईटी ने आयकर, उद्योग, रजिस्टार ऑफ कंपनीज, एआरटीओ, बैंक, जिले के सभी एसडीएम और विकास प्राधिकरण से नीलगिरी इंफ्रासिटी के संपत्तियों का विवरण मांगा है।
कंपनी और उससे जुड़े निदेशकों की लक्जरी गाड़ियों की भी जानकारी के लिए पुलिस ने एआरटीओ को पत्र लिखा है। पुलिस कमिश्नर ए सतीश गणेश ने बृहस्पतिवार को एसआईटी का गठन करते हुए इससे जुड़े अधिकारियों संग बैठक कर जल्द अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी के साथ ही जांच में तेजी लाने का निर्देश दिया।
धोखाधड़ी के इस मामले में अब तक तीन दिन में विभिन्न थानों में कुल 38 मुकदमे दर्ज कराए जा चुके हैं। पुलिस ने तीन लोगों की गिरफ्तारी भी की है। पुलिस कमिश्नर ने एसआईटी में शामिल अधिकारियों के साथ बैठक कर अब तक हुई कार्रवाई की समीक्षा की। इसमें एसीपी क्राइम सुभाष चंद्र दूबे सहित टीम में शामिल पुलिस अधिकारियों संग बैठक कर जरूरी दिशा निर्देश भी दिया।
पुलिस कमिश्नर ने बताया कि करोड़ों की धोखाधड़ी के बारे में कंपनी के विरुद्ध कमिश्नरेट के विभिन्न थानों में अब तक 38 मुकदमा दर्ज हो चुके हैं। एसआईटी टीम में अपर पुलिस उपायुक्त वरुणा जोन प्रबल प्रताप सिंह के निर्देशन में एसीपी चेतगंज नीतेश प्रताप सिंह, प्रभारी निरीक्षक चेतगंज, जैतपुरा, सिगरा शामिल हैं। सभी को अन्य आरोपियों की तलाश करने के साथ ही इसमें दर्ज मुकदमों की विवेचना और अब तक गिरफ्तार अभियुक्तों की अर्जित संपत्ति के बारे में जानकारी का निर्देश दिया गया।
ईडी भी जल्द शुरू करेगी जांच
नीलगिरी इंफ्रासिटी के सीएमडी विकास सिंह व एमडी ऋतु सिंह सहित अन्य सहयोगियों की कुंडली प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) खंगालेगी। पुलिस कमिश्नर से ईडी ने इस मामले से जुड़े कागजात भी मांगे हैं। माना जा रहा है कि जल्द ही ईडी भी मामले की जांच शुरू कर सकती है। पुलिस कमिश्नर ने बताया कि नियमानुसार ईडी को घटना से जुड़े सभी कागजात दिए जाएंगे। इसके साथ ही जांच में हर संभव सहायता की जाएगी।