तंग गलियों से निकालकर मरीज को अस्पताल पहुंचाएगी बाइक एंबुलेंस, सीएम केजरीवाल ने दिखाई हरी झंडी

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने पूर्वी दिल्ली के लिए प्रायोगिक तौर पर बाइक एम्बुलेंस सेवाओं की शुरुआत की और कहा कि यह सेवा भीड़भाड़ वाले इलाके में अस्पताल ले जाने से पूर्व त्वरित चिकित्सा प्रदान करेगी।

यहां दिल्ली सचिवालय के बाहर 16 बाइक एम्बुलेंसों को हरी झंडी दिखाने के बाद संवाददाताओं से बातचीत में केजरीवाल ने कहा कि यह लोगों के लिए आम आदमी पार्टी द्वारा उठाया गया एक बड़ा कदम है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि संकरी गलियों में प्रवेश करने में एम्बुलेंस को मुश्किल का सामना करना पड़ता है। उन्होंने कहा, ‘‘अगर संकरी गलियों में कोई आपात चिकित्सा स्थिति होती है तो बाइक एम्बुलेंस वहां जा सकती हैं और मरीजों को तत्काल अपनी सेवा मुहैया करा सकती है।’’

ऐसी है बाइक एंबुलेंस

आप प्रमुख ने कहा कि आगामी दिनों में बाइक एम्बुलेंस की संख्याओं में बढ़ोतरी होगी। केजरीवाल ने कहा, ‘‘स्वास्थ्य क्षेत्र में यह एक बड़ा कदम है। हर कोई जानता है कि दिल्ली सरकार शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में अच्छा काम कर रही है।’’ उन्होंने कहा कि यह यातायात दृष्टिकोण से भी अच्छा है।

ऐसी है बाइक एंबुलेंस
तंग गलियों और भारी जाम से भी निकालकर मरीज को अस्पताल पहुंचाने के लिए सरकार ने पिछले वर्ष बाइक एंबुलेंस खरीदी थीं। इन 16 बाइक एंबुलेंस को फर्स्ट रिस्पांडर व्हीकल (एफआरवी) नाम दिया है। सभी बाइक फर्स्ट एड किट से लैस होंगी। ऑक्सीजन के छोटे सिलेंडर भी होंगे। इन पर एंबुलेंस की तरह ही लाइट और सायरन लगा है। प्रदूषण को देखते हुए इन बाइक पर ग्रीन किट लगाई है। पूर्वी दिल्ली के शाहदरा, पूर्वी और उत्तरी पूर्वी जिलों में इसे चलाया जाना है। इसे प्रशिक्षित पैरामेडिकल कर्मचारी चलाएगा। यह मरीज को एक स्थान से दूसरे स्थान पर शिफ्ट नहीं करेगा। यह सुविधा रात में उपलब्ध नहीं होगी।

खड़े-खड़े ही हो गई पहली सर्विस
बाइक खरीदने के बाद सरकारी विभागों की लापरवाही के चलते इन पर फर्स्ट एड किट नहीं लगाई गई। पांच माह गुजरने के बाद भी किट उपलब्ध नहीं हुई। वहीं नई बाइक की सर्विस कराने का वक्त भी आ गया था। पहली सर्विस पिछले वर्ष अक्तूबर में हुई थी। बताया जा रहा है कि अब लांच से पहले भी एक और सर्विस कराई गई है।

50 से अधिक उम्र का भी रोड़ा
बीते दिनों दिल्ली कैट्स यूनियन बाइक एंबुलेंस को लेकर विरोध भी जता चुकी है। यूनियन की मानें तो बाइक एंबुलेंस के लिए 50 से अधिक उम्र के कर्मचारियों को तैनात किया जा रहा है, जबकि शारीरिक रूप से ये बाइक एंबुलेंस के लिए सक्षम नहीं है। यूनियन ने राज्यपाल को लिखे पत्र में कहा था कि बाइक एंबुलेंस पर ऑक्सीजन सिलेंडर समेत 35 किलो वजन की सामग्री होगी। ऐसे में अगर युवाओं को इस नई बाइक एंबुलेंस सेवा की जिम्मेदारी दी जाए, तो बेहतर होगा।