जीबीसी-3 में निवेशकों ने उत्तर प्रदेश में दिखाई रुचि

उत्तर प्रदेश में पर्यटन व आतिथ्य सत्कार (हास्पिटैलिटी) के क्षेत्र में दो वर्षों से अधिक की अवधि से चल रही मंदी के बाद नई करवट देखी जा रही है। कोविड महामारी के कारण इस क्षेत्र में व्यापार लगभग ठप्प हो गया था क्योंकि लॉकडाउन व लंबे समय तक लगे प्रतिबंधों की वजह से किसी भी प्रकार की यात्रा करना संभव नहीं था। लेकिन हाल के महीनों में, बड़ी संख्या में तीर्थयात्रा, पर्यटन व अन्य कारणों से यात्रा करने में हुई वृद्धि के कारण होटल व रहने की जगहों की मांग बहुत बढ़ी है।

यह वृद्धि आने वाले समय में और तेज होने की संभावना है और उत्तर प्रदेश में बढ़ती व्यावसायिक व औद्योगिक गतिविधियों के कारण बड़ी संख्या में निवेशकों व अन्य लोगों ने उत्तर प्रदेश में रुचि दिखाइए।

निवेशकों की उत्तर प्रदेश में इस क्षेत्र में बढ़ते विश्वास व रुचि का एक संकेत लखनऊ में हाल में सम्पन्न हुई तीसरी ग्राउन्ड ब्रेकिंग सेरेमनी (जीबीसी-3) में देखने को मिल, जहां हास्पिटैलिटी क्षेत्र में बड़ी संख्या में प्रस्ताव आए हैं।

पर्यटन व आतिथ्य-सत्कार के क्षेत्र में कुल 23 प्रस्ताव उप्र के विभिन्न जिलों में आए हैं जिनमे कुल रु 680 करोड़ का निवेश प्रस्तावित है। यह इस क्षेत्र में बढ़ती संभावनाओं और निवेशकों के विश्वास का प्रतीक है। नए प्रस्ताव पूरे प्रदेश के कई जिलों से जुड़े हैं, जिनमें अयोध्या, गोरखपुर, बरेली,  लखनऊ, मुजफ्फरनगर, आगरा, मेरठ, मथुरा, प्रयागराज व वाराणसी शामिल हैं। उल्लेखनीय है कि निवेश के प्रस्ताव छोटे होटल और हास्पिटैलिटी उद्योग से जुड़े अन्य प्रतिष्ठानों के लिए हैं, जिनमे केटरिंग, स्वास्थ्य पर्यटन, ट्रैवल लोजिस्टिक्स आदि शामिल हैं।

जीबीसी-3 में प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की उपस्थिति में कुल 1406 निवेश प्रस्तावों को हरी झंडी दिखाई गई, जिनमें कुल रु 80,000 का निवेश प्रस्तावित है। लखनऊ में हुए इस आयोजन में देश के प्रमुख उद्योगपतियों ने हिस्सा लिया और उत्तर प्रदेश में उद्योग, निवेश और व्यापार के लिए हितैषी वातावरण की प्रशंसा की। इनमें गौतम अदानी, कुमार मंगलम बिरला, निरंजन हीरानन्दानी व कई अन्य उद्योगपति शामिल थे। प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा उप्र के विकास को नई दिशा दिखाए जाने के बाद प्रदेश के मुख्य मंत्री योगी आदित्यनाथ ने कई ऐसी नीतियाँ बनाई हैं और उन्हे लागू किया है जिनकी वजह से प्रदेश में निवेश करना, व्यापार करना और उद्योग लगाना आसान हुआ है। यही नहीं, प्रदेश में सुरक्षा का वातावरण सुदृढ़ हुआ है और पूरे विश्व में उत्तर प्रदेश के एक सुरक्षित और निवेश के लिए पसंदीदा राज्य माना जाता है।

पर्यटन, होटल व हास्पिटैलिटी क्षेत्र में गोरखपुर के ऐशप्रा सोल्युशंस प्राइवेट लिमिटेड (रु 82.6 करोड़), कॉन्टिनेन्टल डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड (रु 36.2 करोड़), और साकेत कुंज लैंडमार्क प्राइवेट लिमिटेड (रु 35 करोड़) शामिल हैं।

अयोध्या में, होटल जनक पैलेस (रु 14.5 करोड़) और उषा रानी डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड (रु 16 करोड़) प्रमुख प्रस्ताव हैं।

बरेली के प्रस्तावों में जूही संस रमादा एनकोर बाय विनडहम (रु 22 करोड़), छाबरा एशोसिएट्स (रु 20 करोड़) और आरएमएस होटेल्स एण्ड रेसॉर्टस प्राइवेट लिमिटेड (रु 55 करोड़) शामिल हैं।

लखनऊ में होटल प्रदीप (रु 25 करोड़), सोनी होटल (रु 10.2 करोड़) और सेंट मेरी इन्टरकॉन्टिनेन्टल चाइल्ड एण्ड वुमन ऑर्गनिऐएशन (रु 10 करोड़) प्रमुख हैं।

आगरा में सिनसियर डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड (रु 65.8 करोड़), मथुरा में होटल आनंदा हेरिटेज (रु 17 करोड़), मेरठ में वैदिक नेचुरोपैथी एण्ड वेलनेस विलिज (रु 150 करोड़), मुजफ्फरनगर में होटल आईविरा (रु 20 करोड़) और नमस्ते एयरपोर्ट सर्विसेज़ प्राइवेट लिमिटेड (रु 60 करोड़), प्रयागराज में होटल राम कॉन्टिनेन्टल (रु 10 करोड़) और वाराणसी में नवीन साड़ी केंद्र प्राइवेट लिमिटेड (रु 22.5 करोड़) इस क्षेत्र के प्रस्ताव हैं।

हास्पिटैलिटी से जुड़े क्षेत्रों के प्रस्ताव भी कई जिलों में लगाए जाना प्रस्तावित है। इनमें डेवाइन हास्पिटैलिटी एसोशिएट्स बिजनौर में (रु 19.5 करोड़) और शामली में (रु 13.5 करोड़) शामिल हैं।

ऐसा माना जा रहा है कि आने वाले समय में इस क्षेत्र में और तेजी देखने को मिलेगी क्योंकि प्रदेश के बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर और एक्स्प्रेसवे की वजह से न केवल परिवहन सुगम हुआ है, बल्कि उद्योग को भी तेजी मिली है।