घर से न निकलने की मिली सलाह: अब प्रदूषण वाला ‘लॉकडाउन’, बेहद जहरीली हुई दिल्ली की हवा

वायु प्रदूषण की वजह से दिल्ली में अब इमरजेंसी जैसे हालात होने वाले हैं। प्रदूषण की गंभीरता को देखते हुए केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) ने शुक्रवार को लोगों को घरों से बाहर जाने से बचने की सलाह दी है।

राजधानी में वाहनों के उपयोग को 30 प्रतिशत तक कम करने का निर्देश दिया है। दिल्ली में वायु गुणवत्ता में गिरावट आई है। आज राजधानी का वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 499 गंभीर श्रेणी में हैं।सीपीसीबी ने कहा, ‘सरकारी और निजी कार्यालयों और अन्य प्रतिष्ठानों को सलाह दी जाती है कि वह वाहन के उपयोग को कम से कम 30 प्रतिशत (घर से काम करके, कार-पूलिंग, बाहरी गतिविधियों को सीमित कर) तक कम करें।’

प्रदूषण नियंत्रण बोर्डों और संबंधित समितियों को दैनिक रिपोर्ट प्रस्तुत करनी चाहिए, जो वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) और सीपीसीबी को रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी।’

सीपीसीबी ने कहा, ‘संबंधित एजेंसियों को जीआरएपी (श्रेणीबद्ध प्रतिक्रिया कार्य योजना) के अनुसार आपातकालीन श्रेणी के तहत उपायों के कार्यान्वयन के लिए पूरी तरह से तैयार रहना चाहिए। दिल्ली में 24 घंटे का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक शाम चार बजे तक 471 दर्ज किया गया, जो इस मौसम में अब तक का सबसे खराब एक्यूआई है, गुरुवार को यह 411 था।’

एनसीआर का हाल

शहर         एक्यूआई

फरीदाबाद     460

गाजियाबाद    486

ग्रेटर नोएडा    478

गुरुग्राम         448

नोएडा           488

(शुक्रवार शाम चार बजे तक की स्थिति)

पराली से 35 प्रतिशत

जानकारी के मुताबिक चार हजार से अधिक खेतों में पराली जलाए जाने के कारण दिल्ली के प्रदूषण में शुक्रवार को इसका योगदान 35 प्रतिशत रहा। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण समिति के मुताबिक दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण कारक कण पीएम 2.5 की मात्रा का 24 घंटे का औसत रात में 300 का आंकड़ा पार कर गया और इसकी मात्रा शुक्रवार को शाम चार बजे 381 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर रही। पीएम 2.5 की मात्रा 60 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर की सुरक्षित सीमा से लगभग छह गुना अधिक रही। पीएम 10 का स्तर 577 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर दर्ज किया गया।

लंबी हो सकती है कोहरे की अवधि

सीएसई की एक रिपोर्ट के मुताबिक 24 अक्तूबर से 8 नवंबर तक इस साल सर्दियों के शुरुआती चरण में दिल्ली के प्रदूषण में वाहनों का योगदान 50 प्रतिशत रहा है।