कोल इंडिया मेडिकल अटेंडेंट रूल में बदलाव होगा। 25 साल की जगह 30 साल तक के बच्चों को डिपेंडेंट(आश्रित) मान इलाज की सुविधा मिलेगी। वहीं विकलांग बच्चों (पैदाइशी या दुर्घटनावश) को ताउम्र इलाज की सुविधा मिलेगी। इलाज के लिए मेडिकल बुक की जगह स्मार्ट कार्ड उपलब्ध कराने की भी योजना है।
उक्त मुद्दे पर बुधवार को बीसीसीएल मुख्यालय कोयला भवन में कोल इंडिया के 47वें कल्याण बोर्ड की बैठक में विस्तार से चर्चा हुई। कोल इंडिया के निदेशक कार्मिक आरपी श्रीवास्तव ने बैठक में बदलाव की मांग पर सहमति व्यक्त जताते हुए कहा कि पूर्व में तैयार ड्राफ्ट रिपोर्ट का अध्ययन कर जल्दी निर्णय लिया जाएगा। बैठक में कोल इंडिया लिमिटेड के निदेशक (कार्मिक) आरपी श्रीवास्तव के अलावा सभी अनुषंगी कंपनियों के निदेशक कार्मिक ईसीएल के विनय रंजन, सीसीएल आर एस महापात्रो, एसईसीएल के आरएस झा, एमसीएल के निदेशक (कार्मिक) एलएन मिश्रा, सीएमपीडीआइएल के केके मिश्रा, बीसीसीएल के निदेशक (कार्मिक) आरएस महापात्र के अलावा यूनियन प्रतिनिधियों में एटक के अशोक यादव, एचएमएस केएस के पाण्डेय, सीटू के पीएस पाण्डेय तथा बीएमएस के इनामुल हक ने भाग लिया।
बीसीसीएल के निदेशक कार्मिक आरएस महापात्र ने बैठक में भाग लेने आए सभी अधिकारी एवं यूनियन सदस्यों को गुलदस्सता भेंटकर आभार प्रकट किया। कहा कि कोल इंडिया ने उच्चस्तरीय बैठक का अवसर बीसीसीएल को दिया यह महत्वपूर्ण है।
जिन मुद्दों पर हुआ विचार
-स्पोटर्स पर्सनल का कैडर बनेगा। अब तक स्पोटर्स पर्सनल का कैडर कोल इंडिया या अनुषंगी कंपनियों में नहीं है।
-कोल इंडिया के अस्पतालों में भर्ती मरीजों के भोजन की दर बढ़ेगी, फिलहाल प्रतिदिन सौ रुपए से नीचे है।
-कंपनी क्वार्टर की खराब हालत,मरम्मत पर उठा सवाल। प्रबंधन व यूनियन की संयुक्त टीम क्वार्टरों की गुरुवार से करेगी निरीक्षण।
– क्षेत्रीय अस्पतालों को सुदृढ् करने तथा पीने के लिए कोयला कर्मियों को स्वच्छ जल उपलब्ध कराने पर किया गया विचार।
कैशलेस भेजते हैं, अस्पताल वाले जमा करा लेते हैं पैसा
बैठक में यूनियन प्रतिनिधियों ने कैशलेस इलाज की व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए कहा कि देश के एक बड़े निजी अस्पताल में रेफर कोयला कर्मियों से इलाज के लिए पैसा जमा करा लिया जाता है। इसपर कोल इंउिया प्रबंधन यूनियन नेताओं को आश्वस्त करते हुए कहा कि ऐसा मामला है तो साक्ष्य के साथ शिकायत करें, त्वरित कार्रवाई होगी।