कैप्टन अभिमन्यु ने गिनाईं सरकार की उपलब्धियां

चंडीगढ़। हरियाणा के वित्‍तमंत्री कैप्‍टन अभिमन्‍यु ने राज्य का वर्ष 2019-20 का बजट पेश करना शुरू कर दिया है। वित्त मंत्री ने अपने बजट भाषण की शुरुआत कौटिल्य के अर्थशास्त्र के उद्धरण से की। कहा- प्रजा सुखे सुखं राजः प्रजानां च हिते हितम्। नात्मप्रियं प्रियं राजः प्रजानां तु प्रियं प्रियम् ॥ अर्थात प्रजा के सुख में सरकार का सुख है, प्रजा के हित में सरकार का हित है, प्रजा को जो प्रिय है, वही सरकार को प्रिय है।

वित्त मंत्री ने कहा, भारतीय अर्थव्यवस्था का वैश्विक अर्थव्यवस्था में विशिष्ट स्थान है, क्योंकि यह वर्ष 2018-19 में 7.2 प्रतिशत के साथ तेजी से बढ़ती हुई विश्व की प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में से एक होगी। वर्ष 2019-20 के लिए भारत की सकल घरेलू उत्पाद वृद्धि का विश्व बैंक का आकलन 7.5 प्रतिशत तथा एशियाई विकास बैंक का आकलन 7.6 प्रतिशत है।

कैप्टन ने कहा कि प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में, भारत ने तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में से एक होने तथा विश्व में एक स्थिर लोकतंत्र होने का दोहरा गौरव हासिल किया है। कहा कि वह हरियाणा सरकार की तरफ से अंतरिम बजट- 2019-20 में केंद्र सरकार द्वारा शुरू की गई नई योजनाओं का स्वागत करते हैं, जिनमें हमारी अर्थव्यवस्था की रीढ़ कहे जाने वाले किसानों के लिए आय-सहायता योजना-प्रधानमंत्री-किसान योजना, हमारी अर्थ-व्यवस्था का एक महत्वपूर्ण भाग माने जाने वाले असंगठित क्षेत्र के कामगारों को पेंशन के रूप में आय सुरक्षा मुहैया करवाने वाली प्रधानमंत्री श्रम-योगी मानधन योजना शामिल हैं।

वित्त मंत्री ने कहा कि 2018-19 के दौरान, अग्रिम अनुमानों के अनुसार, हरियाणा के सकल राज्य घरेलू उत्पाद में 8.2 प्रतिशत की वृद्धि दर हासिल होने की संभावना है, जबकि राष्ट्रीय स्तर पर यह 7.2 प्रतिशत दर्ज की गई है। अग्रिम अनुमानों के अनुसार, वर्तमान मूल्यों पर वर्ष 2018-19 के लिए हरियाणा का सकल राज्य घरेलू उत्पाद 7.07 लाख करोड़ रुपये अनुमानित है, जिसका 188.41 लाख करोड़ रुपये के अखिल भारतीय सकल घरेलू उत्पाद में 3.75 प्रतिशत का योगदान है।

वर्ष 2018-19 में स्थिर मूल्यों पर हरियाणा का सकल राज्य घरेलू उत्पाद 5.26 लाख करोड़ रुपये अनुमानित है, जोकि 139.52 लाख करोड़ रुपये के अखिल भारतीय सकल घरेलू उत्पाद का 3.77 प्रतिशत है। वर्ष 2018-19 में, स्थिर मूल्यों पर सकल राज्य मूल्य वर्धित की वृद्धि प्राथमिक क्षेत्र में 5.5 प्रतिशत, द्वितीयक क्षेत्र में 8.6 प्रतिशत और तृृतीयक क्षेत्र में 8.2 प्रतिशत अनुमानित है। इसी अवधि के लिए राष्ट्रीय स्तर पर तदनुरूपी आंकड़े प्राथमिक क्षेत्र के लिए 3.3 प्रतिशत, द्वितीयक क्षेत्र के लिए 8.6 प्रतिशत और तृृतीयक क्षेत्र के लिए 7.3 प्रतिशत अनुमानित हैं।

वित्त मंत्री ने कहा कि मुझे यह बताते हुए बड़ा गर्व हो रहा है कि वर्ष 2014-15 से, स्थिर मूल्यों पर राज्य की प्रति व्यक्ति आय में 34 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि अनुमानित है। वर्ष 2017-18 में स्थिर मूल्यों पर राज्य की प्रति व्यक्ति आय 1,57,649 रुपये अनुमानित थी, जो कि वर्ष 2018-19 में 91,921 रुपये के अखिल भारतीय आंकड़े की तुलना में बढ़कर 1,68,209 रुपये होने की संभावना है। 2016-17 में राजस्व घाटा, जो कि जीएसडीपी का 2.92 प्रतिशत था, वर्ष 2019-20 के लिए जीएसडीपी का 1.53 प्रतिशत अनुमानित है।

वित्त मंत्री ने कहा, बजट अनुमान 2018-19 के 30,011.76 करोड़ रुपये के पूंजीगत व्यय की तुलना में, हम इसे संशोधित अनुमान 2018-19 में 35,040.59 करोड़ रुपये तक बढ़ाने में सक्षम हुए हैं। बजट अनुमान 2019-20 में यह और बढ़कर 37,924.09 करोड़ रुपये होने की संभावना है। कुल व्यय के अनुपात में, पूंजीगत व्यय 2017-18 के 22.50 प्रतिशत से बढ़कर संशोधित अनुमान 2018-19 में 29.11 प्रतिशत हो गया। बजट अनुमान 2019-20 में यह कुल बजट का 28.69 प्रतिशत बढ़ने की संभावना है।

वर्ष 2017-18 में, कंपनी अधिनियम, 1956 के तहत पंजीकृत 22 सार्वजनिक उपक्रमों में से 18 उपक्रमों ने शुद्ध लाभ अर्जित किया, जबकि वर्ष 2013-14 में 13 सार्वजनिक उपक्रम शुद्ध लाभ की स्थिति में थे। वर्ष 2017-18 में इन 18 उपक्रमों द्वारा अर्जित लाभ 1116.16 करोड़ रुपये था। घाटे में रहने वाले सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों की संख्या वर्ष 2013-14 के 9 से कम होकर वर्ष 2017-18 में 4 रह गई। राज्य के सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों का सकल घाटा वर्ष 2017-18 में कम होकर 19.89 करोड़ रुपये रह गया।

इसी प्रकार, सहकारी समितियां अधिनियम, 1984 के तहत पंजीकृत 19 सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों ने भी सुधार के लक्षण दर्शाए हैं। लाभ कमाने वाले सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों की संख्या 2013-14 में पांच से बढ़कर 2017-18 में सात हो गई और इसी अवधि के दौरान उनका लाभ 72.91 करोड़ रुपये से बढ़कर 132.20 करोड़ रुपये हो गया।

वित्त मंत्री ने किसान परिवारों और असंगठित क्षेत्र में लगे श्रमिकों के परिवारों, जिनकी मासिक आय 15,000 रुपये से कम है, को वित्तीय एवं सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने के लिए नई स्कीम घोषित की। किसानों के मामले में यह केंद्र सरकार द्वारा घोषित प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (पीएम-किसान) स्कीम के अलावा होगी। बजट में इन स्कीमों के लिए 1500 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है।

हरियाणा सरकार ने पहली बार कॉरपोरेट सैलरी पैकेज के तहत सरकारी कर्मचारियों को कई लाभ प्रदान करने के उद्देश्य से बैंकों के साथ बातचीत करके एक अनूठी पहल की है। इस योजना के तहत, कर्मचारियों की प्राकृतिक मृत्यु होने पर 2 लाख रुपये देना, 50,000 रुपये की चिकित्सा सुविधा और 30 लाख रुपये तक का दुर्घटना बीमा जैसे कई लाभ प्रदान करने के लिए चार बैंकों-एसबीआइ, एचडीएफसी, पीएनबी और हरको बैंक को चुना गया है।

कैप्टन ने कहा, 2019-20 के लिए, 1,32,165.99 करोड़ रुपये के बजट का प्रस्ताव है, जोकि बजट अनुमान 2018-19 के 1,15,198.29 करोड़ रुपये के परिव्यय पर 14.73 प्रतिशत और संशोधित अनुमान 2018-19 के 1,20,375.40 करोड़ रुपये से 9.79 प्रतिशत अधिक है। इस बजट परिव्यय में 37,924.09 करोड़ रुपये के पूंजीगत व्यय के रूप में 28.7 प्रतिशत और 94,241.90 करोड़ रुपये के राजस्व व्यय के रूप में 71.3 प्रतिशत परिव्यय शामिल है। 1.32 लाख करोड़ रुपये के कुल बजट में से 46562.37 करोड़ रुपये प्रदेश में क्रियान्वित किए जा रहे 15 सतत विकास लक्ष्यों से संबंधित योजनाओं के लिए आवंटित किए गए हैं।

वित्त मंत्री ने कहा कि वर्ष 2018-19 में प्रथम चरण में 15,000 पंप और वर्ष 2019-20 में दूसरे चरण में 35000 पंप लगाने की योजना है। इन प्रयासों से हमारे किसान उपभोक्ता के बजाय बिजली उत्पादक और बिजली आपूर्तिकर्ता बनेंगे। राज्य सरकार ने इस वर्ष गन्ने के लिए 340 रुपये प्रति क्विंटल के मूल्य की घोषणा की है, जो एक बार फिर देश में अधिकतम है। पहली बार, किसानों को गन्ने की बकाया राशि के भुगतान के लिए 16 रुपये प्रति क्विंटल की सब्सिडी दी गई।

किसानों के जोखिम को कम करने के लिए, सरकार ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना को सफलतापूर्वक लागू किया है, जिसके तहत किसानों से लिए गए 406.27 करोड़ रुपये के प्रीमियम के विरूद्ध मुआवजे के रूप में पिछले तीन वर्षों में 1140.98 करोड़ रुपये की राशि वितरित की गई, जो बीमा कंपनियों को दिए गए 818.20 करोड़ रुपये के प्रीमियम से अधिक है। इसके अलावा, उदार नीति अपनाते हुए, सरकार ने प्राकृतिक आपदा से हुई फसल क्षति के लिए भी प्रति एकड़ 12000 रुपये का मुआवजा दिया है।

वित्त मंत्री ने कृषि एवं संबद्ध गतिविधियों के लिए बजट अनुमान 2019-20 में 3834.33 करोड़ रुपये के परिव्यय का प्रस्ताव किया है, जो कि बजट अनुमान 2018-19 के 3670.29 करोड़ रुपये की तुलना में 4.5 प्रतिशत की वृद्धि है। इसमें कृषि क्षेत्र के लिए 2210.51 करोड़ रुपये, पशुपालन के लिए 1026.68 करोड़ रुपये, बागवानी के लिए 523.88  करोड़ रुपये, और मत्स्य पालन के लिए 73.26 करोड़ रुपये का परिव्यय शामिल है। बजट में सरकार ने नंबरदारों का मानदेय भी 1500 रुपये प्रतिमाह से बढ़ाकर 3000 रुपये प्रतिमाह करने तथा उन्हें एक मोबाइल फोन देने का भी निर्णय लिया है।

स्वास्थ्य

वित्त मंत्री ने कहा कि हरियाणा सरकार गुणवत्तापरक स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया करवाने के लिए प्रतिबद्ध है। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण क्षेत्र के लिए वर्ष 2019-20 में 5,040.65 करोड़ रुपये आवंटित करने का प्रस्ताव किया गया है, जोकि वर्ष 2018-19 के 4,486.91 करोड़ रुपये के संशोधित अनुमान परिव्यय पर 12.3 प्रतिशत की वृद्धि है। प्रस्तावित परिव्यय में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण के लिए 3,126.54 करोड़ रुपये, चिकित्सा शिक्षा एवं अनुसंधान के लिए 1,358.75 करोड़ रुपये, आयुष के लिए 337.2 करोड़ रुपये, कर्मचारी राज्य बीमा स्वास्थ्य देखभाल के लिए 172.49 करोड़ रुपये और खाद्य एवं औषध प्रशासन के लिए 45.67 करोड़ रुपये शामिल हैं।

शिक्षा

वित्त मंत्री ने 2019-20 में मौलिक और माध्यमिक शिक्षा के लिए कुल 12,307.46 करोड़ रुपये के परिव्यय का प्रस्ताव किया, जो संशोधित बजट 2018-19 के 11,256 करोड़ रुपये पर 9.3 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है। उच्च शिक्षा के लिए 2019-20 के लिए 2,076.68 करोड़ रुपये के परिव्यय का प्रस्ताव किया गया। यह बजट अनुमान 2018-19 पर 17.1 प्रतिशत की वृद्धि दर्र्शाता है।

तकनीकी शिक्षा

2019-20 में तकनीकी शिक्षा विभाग के लिए 512.72 करोड़ रुपये के परिव्यय का प्रस्ताव है। यह संशोधित अनुमान 2018-19 के 465.70 करोड़ रुपये पर 10.1 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है।

खेल एवं युवा मामले

अनुमान 2019-20 में खेल एवं युवा मामले विभाग के लिए 401.17 करोड़ रुपये की राशि आवंटित करने का प्रस्ताव है।