एजेन्टों की तलाश में जुटी एसटीएफ, खून की कालाबाजारी में पकड़ा गया सैफई का डॉक्टर सस्पेंड

सैफई के असिस्टेंट प्रोफेसर व ब्लड बैंक के प्रभारी डाॅ. अभय प्रताप सिंह को शुक्रवार को सस्पेंड कर दिया गया। हालांकि अभी एसटीएफ की तरह से यूनिवर्सिटी प्रशासन को डाक्टर की गिरफ्तारी की अधिकृत जानकारी नही दी गयी है।एसटीएफ ने विश्वविद्यालय के असिस्टेंट प्रोफेसर डा. अभय प्रताप सिंह को गुरुवार को ब्लड की कालाबाजारी के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। इसकी जानकारी मिलने पर कुलपति डा. रमाकांत यादव ने एक कमेटी बनाकर उनके बारे में आयी मीडिया रिपोर्टों की पड़ताल के साथ कार्रवाई के बारे में उसकी राय मांगी। कमेटी की राय आने के बाद उनको सस्पेंड कर दिया गया। कुलसचिव सुरेशचंद्र शर्मा ने बताया कि पहले से ब्लड की कालाबाजारी या अन्य किसी प्रकार की जांच डा. अभय प्रताप सिंह के खिलाफ स्थानीय स्तर पर नहीं चल रही है।

आरोपी डॉक्टर के एजेन्टों की तलाश में जुटी एसटीएफ

शहर के कई अस्पतालों व ब्लड बैंकों में मिलावटी खून बेचने के आरोपी डॉ. अभय प्रताप सिंह के पास मिले दस्तावेजों से कई एजेन्ट के नाम एसटीएफ को पता चले हैं।एसटीएफ ने सैफई स्थित यूपी यूनिवर्सिटी ऑफ मेडिकल साइन्सेज के डॉ. अभय व उसके साथी अभिषेक पाठक को गिरफ्तार किया था। इन लोगों के पास 100 यूनिट खून बरामद हुआ था।

इनकी तलाश में दबिश

डॉ. अभय के लिये काम करने वाले एजेन्ट बृजेश निगम, सौरभ वर्मा, दीपू चौधरी, जावेद खान, धीरज तंवर समेत कई लोगों की तलाश में एसटीएफ ने दबिश दी। डॉ. अभय ने ही ये नाम कुबूले थे। इसके साथ ही एसटीएफ ने लखनऊ के दो अस्पतालों में भी जाकर पूछताछ की जहां डॉ. अभय ने लम्बे समय तक नौकरी की थी।