
सरकार ने राज्य में पॉजिटिव पाए जाने वाले कोरोना मरीजों के सैंपलों की अनिवार्य जीनोम सीक्वेंसिंग कराने का निर्णय लिया है। कई राज्यों में ओमीक्रोन के मामले सामने आने के बाद स्वास्थ्य विभाग की ओर से इसके निर्देश दिए गए हैं। दरअसल विदेशों के बाद अब देश के कई राज्यों में भी ओमीक्रोन के मरीज तेजी से सामने आ रहे हैं।
विदेश से आने वाले पॉजिटिव मरीजों के सैंपलों की ही अनिवार्य जीनोम सीक्वेंसिंग की जा रही थी। लेकिन कई प्रदेशों में मामले सामने आने के बाद अब राज्य में मिलने वाले सभी पॉजिटिव मरीजों को संदेह की दृष्टि से देखा जा रहा है। हालांकि राज्य में अभी तक किसी भी मरीज में ओमोक्रोन की पुष्टि नहीं हुई है। लेकिन ऐहतियात के तहत जांच के सिस्टम को मजबूत किया जा रहा है।
दो महीने में 300 सैंपलों की जीनोम सीक्वेंसिंग
उत्तराखंड में पिछले दो महीनों के दौरान तीन सौ के करीब सैंपलों की जीनोम सीक्वेसिंग की गई है। लेकिन इनमें कोई भी मरीज ओमीक्रोन से ग्रसित नहीं पाया गया है। हालांकि राज्य में सैंपलों की जांच काफी कम हो रही है। पिछले कुछ दिनों को छोड़ दें तो राज्य में प्रत्येक दिन सात से आठ हजार सैंपलों की ही जांच हो पा रही थी।