जैश-ए-मोहम्मद (Jaish E Mohammad) के प्रमुख अज़हर मसूद (Azhar Masood) ने बुधवार को यह स्वीकार किया कि भारतीय वायुसेना ने बालाकोट के आतंकवादी शिविरों पर मंगलवार को तड़के हवाई हमले किए।
वार्ता के अनुसार, अजहर ने हालांकि पाकिस्तान को बचाने का प्रयास किया और कहा कि हवाई हमलों में उसके संगठन एवं परिवार को किसी भी तरह कोई क्षति नहीं पहुंची है।
गौरतलब है कि वायुसेना के मिराज विमानों ने मंगलवार तड़के एलओसी पार करके जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी ठिकाने को नेस्तनाबूत कर दिया था। एलओसी से करीब 50 किलोमीटर दूर बालाकोट शहर के पास एक पहाड़ी पर बने ठिकाने पर ‘आराम’ फरमा रहे 350 से ज्यादा आतंकियों को वायुसेना ने हमेशा के लिए मौत की नींद सुला दिया। इनमें 25 से ज्यादा जैश के बड़े कमांडर हैं। लेकिन भारतीय वायुसेना की इस कार्रवाई के बाद भी पाकिस्तान अपनी हरकतों से बाज आता नहीं दिख रहा है।
विदेश सचिव विजय गोखले ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बताया कि इन आतंकी शिविरों को जैश सरगना मसूद अजहर का साला यूसूफ अजहर उर्फ उस्ताद गौरी चला रहा था। उन्होंने बताया कि आतंकी फिर से हमले की फिराक में थे, इसलिए भारत ने ऐहतियातन गैर सैन्य कार्रवाई की। उन्होंने कहा कि आतंकियों के ठिकाने घने जंगल में पहाड़ियों पर थे, जो नागरिक इलाकों से दूर थे।