
वाराणसी के बड़ागांव थाना क्षेत्र के भेलखा गांव स्थित गोरक्षा समिति की भूमि में स्थगन आदेश के बावजूद अवैध निर्माण का विरोध करने वाले व्यक्ति को बड़ागांव पुलिस ने सोमवार को हिरासत में ले लिया। आरोप है कि इस सदमे में हिरासत में लिए गए व्यक्ति की पत्नी की मौत हो गई। इससे गुस्साए ग्रामीणों ने वाराणसी-बाबतपुर मार्ग जाम कर दिया।
मौके पर पहुंचे एसडीएम पिंडरा, सीओ बड़ागांव ने ग्रामीणों को समझाकर पांच घंटे बाद रात आठ बजे जाम समाप्त कराया। इस मामले में एसडीएम ने लेखपाल को निलंबित कर दिया और कानूनगो और चौकी प्रभारी के खिलाफ जांच का आदेश दिया है। एहतियातन गांव में पुलिस तैनात कर दी गई है।
बड़ागांव थाना क्षेत्र के भेलखा गांव में गोरक्षा समिति की भूमि है। आरोप है कि गांव के रहने वाले मुन्नू गौड़ द्वारा घर को तोड़कर निर्माण कराया जा रहा था। जबकि गोरक्षा समिति की भूमि होने से उस भूमि पर पूर्व में ही स्थगन आदेश होने के चलते गांव के रहने वाले शिवप्रसाद निडर व शिवपुर निवासी अरविंद सिंह चट्टान ने निर्माण कार्य का विरोध शुरू कर दिया। उनके साथ ग्रामीण भी विरोध करने लगे।
मौके पर मौजूद लेखपाल राजेश यादव और कानूनगो लालमणि की सूचना पर पहुंची हरहुआ चौकी पुलिस ने शिवप्रसाद और अरविंद को हिरासत में लेकर चौकी पर ले गई। इसी बीच आरोप है कि शिवप्रसाद निडर की पत्नी फातिमा(60) की सदमे में मौत हो गई। इसके बाद आक्रोशित ग्रामीणों ने हरहुआ चौकी पर नारेबाजी करने के बाद व्यासबाग हनुमान मंदिर के पास बाबतपुर-वाराणसी मार्ग को जाम कर दिया।
दोपहर में तीन बजे से शव रखकर चक्का जाम करने की सूचना मिलते ही पुलिस कर्मियों में हड़कंप मच गया। ग्रामीणों की मांग पर एसडीएफ पिंडरा गिरीश द्विवेदी ने लेखपाल राजेश यादव और कानूनगो लालमणि को निलंबित कर दिया। ग्राम प्रधान संजीव सिंह और चौकी प्रभारी हरिकेश सिंह के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर ग्रामीण देर शाम तक मार्ग जाम करते हुए धरने पर बैठे रहे। अपर पुलिस अधीक्षक ग्रामीण नीरज पांडेय, सीओ बड़ागांव जगदीश कालीरमण फोर्स के साथ मौके पर पहुंचकर ग्रामीणों को समझाकर रात आठ बजे जाम समाप्त किया।