मुंबई| महाराष्ट्र मंत्रिमंडल ने सोमवार को आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लिए सरकारी नौकरियों और शिक्षा में 10 प्रतिशत आरक्षण को मंजूरी दे दी है। उत्तर प्रदेश, आंध्र प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, गुजरात, तेलंगाना, और उत्तराखंड के बाद इस कानून को लागू करने वाला महाराष्ट्र सातवां राज्य बन गया है।
गौरतलब है कि केंद्र सरकार की नौकरियों में सामान्य वर्ग के गरीबों लिए 10 फीसदी आरक्षण 1 फरवरी से लागू हो गया है। वहीं अब राज्य भी इस दिशा में कदम उठा रहे हैं। केंद्रीय विधि एवं न्याय मंत्रालय की ओर से जारी अधिसूचना के मुताबिक संविधान (103वां संशोधन) अधिनियम के जरिये संविधान के अनुच्छेद 15 और 16 में संशोधन किया गया है। इसके जरिये एक प्रावधान जोड़ा गया है, जो सरकार को ‘नागरिकों के आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग की तरक्की के लिए विशेष प्रावधान करने की अनुमति देता है।’
सरकार ने इस बारे में पहले ही स्पष्ट कर दिया है कि यह लाभ उन्हीं लोगों को मिलेगा जिनकी सालाना आय आठ लाख से कम है। आरक्षण का लाभ उठाने के लिए आय प्रमाण पत्र दिखाना अनिवार्य हो सकता है।