विनोद हत्याकांड: चार आरोपी गिरफ्तार, परिजनों ने तीसरे दिन भी नहीं उठाया शव, सीएमओ कार्यालय के बाहर धरने पर बैठे रहे

हिसार के मीरकां गांव निवासी विनोद की मोटर चोरी करने के शक में पीट-पीटकर हत्या के मामले में पुलिस ने चार आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। वहीं, मृतक के परिजन सभी आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग पर अड़े हैं। उन्होंने हत्या के तीसरे दिन भी नागरिक अस्पताल के शव गृह से शव को नहीं उठाया है। उधर, मांग पूरी न होने पर परिजन सीएमओ कार्यालय के बाहर गुरुवार रात को भी टेंट लगाकर धरने पर बैठे रहे।

परिजनों का कहना है कि जब तक पुलिस सभी आरोपियों को गिरफ्तार नहीं कर लेती, तब तक शव नहीं उठाएंगे। गुरुवार को अस्पताल में डीएसपी हेडक्वार्टर अशोक कुमार, डीएसपी नारायणचंद, डीएसपी जोगिंद्र शर्मा की निगरानी में पुलिस बल तैनात रहा। पुलिस का कहना है कि मामले में आरोपी राजपाल उर्फ गोलू, इंद्र, भागीरथ व विजय को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस ने राजपाल और इंद्र को बुधवार को गिरफ्तार किया था। दोनों को गुुरुवार को अदालत में पेश कर एक-एक दिन के रिमांड पर लिया है। विजय व भागीरथ को शुक्रवार को अदालत में पेश किया जाएगा।

सरपंच का भतीजा है आरोपी विजय

पुलिस ने बताया कि आरोपी विजय सरपंच धर्मवीर का भतीजा है। उल्लेखनीय है कि बुधवार को नागरिक अस्पताल में सरपंच व पीड़ित पक्ष के बीच जमकर बहस हुई थी। उस दौरान सरपंच ने वहां से निकलना ही बेहतर समझा था। परिजन पहले ही मामले में आरोप लगा चुके थे कि मामले में सरपंच की भी मिलीभगत है।

फिलहाल पुलिस अब आरोपियों से पूछताछ करेगी। उसके बाद ही हत्या की मुख्य वजह स्पष्ट हो सकेगी। उल्लेखनीय है कि सरपंच ने कहा था कि वर्ष 2016 में उसके सरपंची के चुनाव जीतने के बाद से मृतक विनोद के परिवार वाले उससे रंजिश रखने लगे थे। ऐसे में सरपंच भी शक के दायरे में है।

शव खराब होने का भय 

नागरिक अस्पताल के शवगृह में पोस्टमार्टम के बाद विनोद के शव को पड़े तीन दिन हो चुके हैं। ऐसे में शव के खराब होने का भी भय है। हालांकि शव नागरिक अस्पताल के शवगृह में डी-फ्रिजर में पड़ा है। अगर शव सात दिन के भीतर नहीं उठाया गया तो शव खराब होने का भय है।

75 जगह दी दबिश

भीम आर्मी की टीम वीरवार को डीआईजी बलवान सिंह राणा से मिलने शाम करीब पांच बजे उनके निवास पर पहुंची। भीम आर्मी के प्रेस प्रवक्ता संतलाल आंबेडकर ने कहा कि इस दौरान महाराज मनसा साथ में थे। डीआईजी ने बताया कि आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए 75 जगह दबिश दी गई है।

आईपीएस लेवल अधिकारी से जांच करवाने सहित सुरक्षा की मांग

पीड़ित परिवार ने डीआईजी से मांग की है कि मामले की जांच डीएसपी नारायाणचंद से न करवाई जाए। उनका कहना है कि मामले की जांच आईपीएस लेवल अधिकारी से या जनरल कैटेगरी के अधिकारी से करवाई जाए। मृतक व घायलों के परिवार से 15 लोगों को आर्म्स लाइसेंस जारी करवाए जाएं। मृतक विनोद को सरकार द्वारा शहीद का दर्जा दिया जाए। मामले में भीम आर्मी के प्रेस प्रवक्ता संतलाल आंबेडकर का कहना है कि डीआईजी ने उनकी मांगें मानने का आश्वासन दिया है।