
कोरोना के वायरस में म्यूटेशन ने डॉक्टरों को हैरत में डाल दिया। इसके कारण जांच में मरीज संक्रमित नहीं मिल रहे हैं। जबकि मरीजों में लक्षण कोरोना के ही है। इतना ही नहीं तीनों मरीजों के चेस्ट के सीटी स्कैन और एक्सरे की रिपोर्ट भी कोविड संक्रमण की तस्दीक कर रही है।
कोविड के लक्षण वाले 17 मरीजों को वार्ड में भर्ती किया गया। इनमें कोविड के सामान्य सभी लक्षण मिल रहे हैं। मरीजों को सर्दी, खांसी, बुखार, सांस लेने में तकलीफ और ऑक्सीजन का लेवल कम मिल रहा है। चेस्ट का सीटी स्कैन और एक्सरे कराने पर संक्रमण के धब्बे मिल रहे हैं। इसके बावजूद इनकी आरटीपीसीआर और एंटीजन की रिपोर्ट निगेटिव आ रही है। डॉक्टरों ने इस पर चिंता जाहिर की है। साथ ही मरीजों को सलाह दी है कि ऐसे मरीज चेस्ट सीटी स्कैन कराकर कोविड प्रोटोकॉल का पालन करें।
जांच को गच्चा दे रहा म्यूटेट वायरस
डॉ. अमरेश सिंह ने बताया कि तीनों संदिग्ध मरीजों के रिपोर्ट का निगेटिव आना अचरज भरा है। सभी में क्लीनिकल लक्षण मिले। उनमे से सिर्फ एक किशोर संक्रमित मिला। वह एचआईवी संक्रमित था। माना जा रहा है कि ऐसा वायरस में म्यूटेशन की वजह से हो सकता है। उन्होंने बताया कि कोविड वायरस में म्यूटेशन लगातार हो रहा है। इसके कारण कुछ म्यूटेशन जांच किट की पकड़ में नहीं आ रहे हैं। ऐसी आशंका है कि कम लोड वाले वायरस को किट ट्रेस नहीं कर पा रही है।
क्या कहते हैं डॉक्टर
डॉ. अजहर अली ने बताया कि मरीजों का इलाज कोविड प्रोटोकॉल के तहत ही इलाज किया जा रहा है। उन्हें यह सलाह दी जा रही है कि वह चेस्ट का सीटी स्कैन जरूर कराएं। सीटी स्कैन कराने से कोविड का पता आसानी से चल जाता है। स्कैन में पूरी तरह से फेफड़े के बदलाव के बारे में पता चल जाता है। ग्राउंड ग्लासिंग (सफेद निमोनिया के पैच) दिखने लगते हैं।