
गोरखपुर। बरसात में गोरखपुर आना तो नाव जरूर लेकर आना, अन्यथा शहर के कई इलाकों में कमर भर पानी में डूब कर ही जाना होगा। बुधवार आधी रात के बाद से बृहस्पतिवार सुबह तक करीब चार घंटे की मूसलाधार बारिश (107 मिलीमीटर)ने शहर को शहर के कई इलाकों को दरिया में तब्दील कर दिया। वाकई, शहर में घर से बाहर निकलने के लिए किसी को नाव का सहारा लेना पड़ा तो किसी को तख्त को ही नाव बनाना पड़ा। वहीं शहर के कुछ मोहल्लों में पिछले एक-डेढ़ महीने से हुए जलभराव की स्थिति और बदतर हो गई। 500 से ज्यादा परिवार घरों में कैद हैं तो कई लोग अपने इलाके से पलायन कर स्वजनों के घर आसरा लिए हुए हैं।
भादों पूरे शबाब पर है। रक्षाबंधन पर्व के खत्म होने के बाद से 23 अगस्त से लगातार बारिश हो रही है। वहीं, बुधवार रात ढाई बजे के बाद शुरू हुई बारिश ने बृहस्पतिवार की सुबह तक रुकने का नाम नहीं लिया। मात्र साढ़े चार घंटे के दौरान ही 107 मिलीमीटर बारिश हो गई। इसकी वजह से साहबगंज मंडी, महेवा मंडी, रुस्तमपुर, महुई सुघरपुर, बशारतपुर, विष्णुपुरम, जंगल सालिकराम की व्यासनगर कॉलोनी, धर्मशाला ओवरब्रिज के नीचे, सिंघड़िया क्षेत्र के विभिन्न इलाके प्रकृति नगर, गोरक्षनगर, प्रज्ञापुरम, करीम नगर, फ्रेंडस कॉलोनी, स्वर्ण सिटी, श्रवण नगर, मौसम विभाग कार्यालय, सरयू नहर आदि इलाकों में जबरदस्त जलभराव हो गया। जिन इलाकों में पहल से जलभराव था, वहां की हालत और ज्यादा बिगड़ गई।
पहले से जलभराव का शिकार हुए इलाकों के करीब 500 से भी ज्यादा परिवार एक महीने से भी ज्यादा समय से अपने-अपने घरों में कैद हैं। उनकी हालत बिगड़ गई। वहीं मेडिकल कॉलेज रोड किनारे की कॉलोनी गणेशपुरम में तो लोगों को घर से बाहर निकलने के लिए नाव का सहारा लेना पड़ा। वार्ड संख्या 18 के खालेटोला, प्रेमनगर, विद्यानगर के लोग जलभराव से बेहाल हो गए।