
गाजियाबाद जिले में 8 फीसदी नाबालिग लड़कियों के मां-बाप उनकी जबरन शादी कर रहे हैं। नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे की ताजा रिपोर्ट में इसका खुलासा हुआ है।
गाजियाबाद में हर 100 में से आठ लड़कियों ने बताया कि उनकी शादी 18 साल की उम्र से पहले ही कर दी गई थी। किसी ने शादी की उम्र 16 साल बताई तो किसी ने 15 साल। यानी हर साल जिले में लाखों लड़कियों की शादी 18 साल से कम उम्र में होती है, जिनमें से हजारों लड़कियां इस कुप्रथा की शिकार हो रही हैं, जबकि विभागीय अधिकारी दावा कर रहे हैं कि बेटियों को इस तरह की कुप्रथाओं से बचाने के लिए वन स्टॉप सेंटर और महिला शक्ति केंद्र संचालित किए जा रहे हैं, जिनमें बाल विवाह समेत बेटियों से जुड़ी किसी भी तरह की शिकायत मिलते ही तुरंत जांच कर कार्रवाई की जाती है और समस्याओं का समाधान किया जाता है।
महिला संरक्षण समिति और बाल संरक्षण समिति भी हुईं फेल : शासन के आदेश पर जिला प्रशासन और संबंधित विभागों द्वारा जिला और ग्राम पंचायत स्तर पर महिला और बाल संरक्षण समितियां गठित की गई हैं, जिनकी जिम्मेदीरी भी बाल विवाह जैसी कुप्रथा को रोकना है। बावजूद इसके जिले में बाल विवाह पर पूरी तरह रोक नहीं लग सकी। वहीं, आंगनबाड़ी और आशाओं को भी यह जिम्मेदारी दी गई थी कि वह अपने आस-पास होने वाली शादियों में यह देखें कि जिसकी शादी हो रही है वह 18 साल की उम्र पूरी कर चुकी हैं।
आंकड़े कम होने का दावा
साल 2015-16 से पहले इससे ज्यादा नाबालिक लड़कियों की शादी कराई जाती थी, जिसमें अब सुधार आया है। लेकिन लोगों का सवाल यही है कि सरकार योजनाओं और कार्यक्रमों पर करोड़ों रुपये खर्च करती है, बावजूद इसके विभागीय अधिकारी बाल विवाह नहीं रोक पा रहे हैं। नेशनल फैमिली हैल्थ सर्वे के आंकड़ों के अनुसार पांच साल पहले 100 में से 18 लड़कियों की शादी बालिग होने से पहले करा दी जाती थी और अब भी 8 लड़कियां इसकी शिकार हो रही हैं।
”शिक्षा और जागरूकता अभाव होने के कारण नाबालिग लड़कियों की शादी कर दी जाती है। इसके लिए समय-समय पर जागरूकता कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं। पांच साल पहले के मुकाबले बाल विवाह में कमी आई है।”
”बालिग होने से पहले बेटियों की शादी करने जैसी कुप्रथा आज भी जीवित है, जो बेहद खतरनाक है। इसका मुख्य कारण शिक्षा का अभाव है। जो लड़कियां पढ़ाई करती हैं, उनकी शादी 24 से 25 साल की उम्र से पहले नहीं होती। इसके अलावा सोशल जानकारी और आर्थिक स्थिति कमजोर होना भी इसका कारण हैं।”