उत्तराखंड मांगे पृथक भू कानून

पूर्व विधायक पुष्पेश त्रिपाठी के नेतृत्व वक्ताओं ने भाजपा और कांग्रेस की कुनीतियों पर जमकर प्रहार किए। पूर्व विधायक त्रिपाठी ने कहा कि जिस पृथक राज्य के लिए उक्रांद ने संघर्ष किया उसे राष्ट्रीय दलों ने गर्त में धकेल दिया।

विभिन्न स्थानों पर हुई सभाओं में पूर्व विधायक पुष्पेश त्रिपाठी ने कहा कि राज्य बनने के 20 वर्षों बाद उत्तराखंड की स्थिति दयनीय हो गई है। पहाड़ आज भी मूलभूत सुविधाओं का दंश झेल रहा है। 20 वर्षों बाद भी राज्य की स्थायी राजधानी नहीं बन सकी है। सख्त भू कानून न होने से राज्य की जमीनें कौड़ियों के भाव बाहरी लोगों को बेची जा रहीं हैं।

कृषि, शिक्षा, स्वास्थ्य पर्यटन आदि में नीतियों के अभाव होने के चलते पहाड़ से लगातार पलायन जारी है। लावारिस जानवर, बंदर पहाड़ खत्म कर रहे हैं। त्रिपाठी ने कहा कि क्षेत्रीय दलों की मजबूती के बिना पहाड़ का भला होने वाला नहीं है। इसीलिए उक्रांद पूरे प्रदेश में स्वाभिमान यात्रा निकाल रही है। दल के संघर्षों और विचारों से प्रेरित होकर युवा वर्ग उक्रांद से जुड़ रहा है। यात्रा में प्रधान संगठन के प्रदेश उपाध्यक्ष नरेंद्र सिंह अधिकारी, राज्य आंदोलनकारी कैलाश फुलारा, ब्लॉक अध्यक्ष लाल सिंह बिष्ट, विपिन पंत, कुंदन बिष्ट, मनोज नेगी, भुवन चौधरी, हिम्मत सिंह अधिकारी, हरीश भट्ट, हरवंश बिष्ट आदि थे।