
वॉशिंगटन/नई दिल्ली: अमेरिका के विदेश मंत्रालय ने सोमवार को भारत की कुछ ट्रैवल एजेंसियों के मालिकों और वरिष्ठ अधिकारियों पर वीज़ा प्रतिबंध लगाने की घोषणा की है। इन एजेंसियों पर अमेरिका में अवैध प्रवास को बढ़ावा देने और मानव तस्करी में लिप्त होने के आरोप हैं। यह कदम अमेरिकी प्रशासन द्वारा अवैध आप्रवासन नेटवर्क को तोड़ने के व्यापक प्रयासों का हिस्सा है।
विदेश विभाग की प्रवक्ता टैमी ब्रूस ने एक बयान में कहा कि यह पाबंदी उन अधिकारियों और कर्मचारियों पर लागू होगी जिन्होंने जानबूझकर अवैध रूप से अमेरिका में प्रवेश की सुविधा प्रदान की। यह कार्रवाई अमेरिका के इमिग्रेशन एंड नेशनलिटी एक्ट की धारा 212(a)(3)(C) के तहत की गई है। इस प्रतिबंध का असर उन लोगों पर भी पड़ेगा जो वीज़ा वेवर प्रोग्राम के तहत अमेरिका आने के योग्य होते हैं।
ब्रूस ने बताया, “मिशन इंडिया की कांसुलर अफेयर्स और डिप्लोमैटिक सिक्योरिटी सर्विस सक्रिय रूप से उन लोगों की पहचान कर रही है जो अवैध प्रवास में मदद कर रहे हैं। हम अमेरिका के कानूनों का उल्लंघन करने वालों को ज़िम्मेदार ठहराना जारी रखेंगे, चाहे वे मानव तस्करी से मुनाफा कमा रहे हों या अन्य तरीके से कानून तोड़ रहे हों।”
2024 तक अमेरिका में लगभग 7,25,000 भारतीय अप्रवासी अवैध रूप से रह रहे थे। भारत के विदेश मंत्रालय की रिपोर्ट के अनुसार, जनवरी 2025 से अब तक अमेरिका ने 682 भारतीय नागरिकों को वापस भेजा है, जिनमें से अधिकतर अवैध प्रवेश की कोशिश में पकड़े गए थे।
यह कार्रवाई ऐसे समय में सामने आई है जब डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन के तहत अमेरिका में प्रवासन नीतियां और सख्त हो रही हैं। इनमें एच-1बी वीज़ा नियमों में कड़ाई, आईसीई छापों में वृद्धि और अवैध अप्रवासियों के बच्चों को नागरिकता देने के अधिकार को समाप्त करने की योजनाएं शामिल हैं।
अमेरिका ने साफ किया है कि अभी तक प्रतिबंधित व्यक्तियों की सूची सार्वजनिक नहीं की जाएगी। अमेरिकी दूतावास ने मीडिया से बातचीत में कहा कि वीज़ा रिकॉर्ड की गोपनीयता के चलते नाम साझा नहीं किए जा सकते।
इस घटनाक्रम से कुछ समय पहले ही अमेरिका ने भारत के दर्जनों नागरिकों को अवैध रूप से रहने के चलते देश से निष्कासित किया था। फरवरी में लगभग 330 भारतीयों को अमेरिका से स्वदेश भेजा गया था। माना जा रहा है कि इस मुद्दे पर हाल ही में भारत दौरे पर आए अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस और भारतीय अधिकारियों के बीच चर्चा हुई थी।
मानव तस्करी के खिलाफ सख्त कदम
अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता ने यह भी कहा कि भारत में स्थित अमेरिकी दूतावास और वाणिज्य दूतावासों के अधिकारी प्रतिदिन उन व्यक्तियों की पहचान में लगे हैं जो मानव तस्करी और अवैध प्रवास को बढ़ावा दे रहे हैं।
“हम ट्रैवल एजेंसियों के मालिकों और वरिष्ठ अधिकारियों पर वीज़ा प्रतिबंध लगाकर मानव तस्करी नेटवर्क को खत्म करने के प्रयास जारी रखेंगे। हमारी इमिग्रेशन नीति का उद्देश्य न केवल विदेशी नागरिकों को अवैध प्रवास के खतरों से आगाह करना है, बल्कि उन लोगों को भी जवाबदेह ठहराना है जो इन अवैध गतिविधियों में संलिप्त हैं,” ब्रूस ने कहा। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि यह वीज़ा प्रतिबंध नीति वैश्विक स्तर पर लागू है और वीज़ा वेवर प्रोग्राम के योग्य लोगों पर भी प्रभाव डाल सकती है।