
लखनऊ: उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने राज्य पुलिस बल में पूर्व अग्निवीरों को 20 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण देने का ऐतिहासिक फैसला किया है। यह निर्णय 3 जून को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में आयोजित राज्य कैबिनेट की बैठक में लिया गया।
राज्य के वित्त मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने जानकारी दी कि यह आरक्षण उन अग्निवीरों को मिलेगा जो केंद्र सरकार की वर्ष 2022 में शुरू की गई ‘अग्निपथ योजना’ के तहत चार साल की सेवा पूरी कर चुके होंगे। अग्निवीरों की भर्ती की उम्र सीमा 17.5 से 21.5 वर्ष के बीच निर्धारित थी और सेवा पूरी होने पर उन्हें कुछ प्रोत्साहन के साथ सेवा से मुक्त किया जाता है।
अग्निवीरों को मिलेगा बेहतर भविष्य
मंत्री खन्ना ने कहा, “पूर्व अग्निवीरों के लिए यह आरक्षण उनके सेवा-समाप्ति के बाद के जीवन को बेहतर बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह आरक्षण सभी वर्गों – सामान्य, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग – के लिए समान रूप से लागू होगा।”
इसके साथ ही पूर्व अग्निवीरों को आयु सीमा में तीन वर्ष की छूट भी प्रदान की गई है। यह आरक्षण उत्तर प्रदेश पुलिस की प्रत्यक्ष भर्ती में लागू होगा, जिसमें प्रांतीय सशस्त्र बल (PAC), माउंटेड पुलिस और अग्निशमन सेवा शामिल हैं।
2026 से शुरू होगी पहली भर्ती
पूर्व अग्निवीरों की पहली भर्ती 2026 में शुरू होने की उम्मीद है, जब अग्निपथ योजना के पहले बैच के अग्निवीर सेवानिवृत्त होंगे। हरियाणा और ओडिशा जैसे अन्य राज्यों ने भी पूर्व अग्निवीरों को आरक्षण देने की घोषणाएं की हैं।
महिलाओं को मिलेगा नया अवसर, 3,800 पदों पर होगी भर्ती
कैबिनेट बैठक में महिलाओं के लिए एक और बड़ी घोषणा हुई। यूपी पुलिस में 3,800 महिला अधिकारियों की भर्ती की जाएगी, जिससे महिला पुलिसकर्मियों की कुल संख्या लगभग 55,000 तक पहुंच जाएगी। इसमें से 2,388 पद नवगठित PAC महिला बटालियनों के लिए आरक्षित किए गए हैं।
यह भर्ती प्रक्रिया राज्य पुलिस में कुल 24,000 पदों को भरने के व्यापक अभियान का हिस्सा है। नागरिक पुलिस श्रेणी में 20% भर्ती महिलाओं के लिए होगी। इसके अलावा, महिला बटालियनों के लिए 106 उपनिरीक्षक पदों का प्रस्ताव भी रखा गया है।
महिला उम्मीदवारों को भी उम्र सीमा में तीन साल की छूट दी गई है। भर्ती बोर्ड द्वारा 15 जून तक आधिकारिक अधिसूचना जारी किए जाने की संभावना है।