
भारतीय वायुसेना के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला आगामी मई 2025 में अंतरिक्ष की यात्रा पर रवाना होंगे। यह मिशन भारत की अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष सहयोगों में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि के रूप में देखा जा रहा है।
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने घोषणा की है कि यह अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष मिशन अगले महीने लॉन्च किया जाएगा, जिसमें भारतीय अंतरिक्ष यात्री भी शामिल होंगे। ISRO के अध्यक्ष डॉ. वी नारायणन ने जानकारी दी कि भारतीय वायुसेना के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला, Axiom Space के Ax-4 मिशन के अंतर्गत अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) की ओर उड़ान भरने के लिए पूरी तरह तैयार हैं।
विज्ञान और प्रौद्योगिकी राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ. जितेंद्र सिंह ने बैठक में बताया कि यह मिशन ISS पर जाने वाले पहले भारतीय की यात्रा को चिन्हित करेगा। साथ ही, यह राकेश शर्मा के 1984 के ऐतिहासिक सोवियत सोयुज अंतरिक्ष यान मिशन के बाद चार दशकों से अधिक समय में अंतरिक्ष में जाने वाले पहले भारतीय की वापसी भी है।
ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला एक सम्मानित परीक्षण पायलट हैं और उन्हें ISRO के मानव अंतरिक्ष उड़ान कार्यक्रम (HSP) के तहत चुना गया था। वे भारत के पहले स्वदेशी मानव मिशन ‘गगनयान’ के लिए भी प्रमुख उम्मीदवारों में शामिल हैं। Ax-4 मिशन में उनकी भागीदारी से उन्हें अंतरिक्ष उड़ान संचालन, लॉन्च प्रक्रियाएं, सूक्ष्म गुरुत्वाकर्षण में अनुकूलन और आपातकालीन तैयारी जैसे महत्वपूर्ण अनुभव मिलेंगे — जो भारत की मानव अंतरिक्ष उड़ान महत्वाकांक्षाओं के लिए अत्यंत आवश्यक हैं।
शुक्ला का यह मिशन प्रतीकात्मक नहीं बल्कि रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण माना जा रहा है। यह भारत की अंतरराष्ट्रीय सार्वजनिक-निजी साझेदारियों में भागीदारी और मानव अंतरिक्ष अन्वेषण में प्रमुख भूमिका निभाने की मंशा को दर्शाता है।
डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा, “भारत अपने अगले अंतरिक्ष कीर्तिमान के लिए तैयार है।” उन्होंने बताया कि अंतरिक्ष मिशन न केवल वैज्ञानिक दृष्टिकोण से, बल्कि आत्मनिर्भर और विकसित भारत के दृष्टिकोण से भी अत्यंत महत्वपूर्ण हैं।
इस बैठक में ISRO ने जनवरी 2025 के बाद की प्रमुख प्रगति से अवगत कराया। इनमें आदित्य L1 सौर मिशन का डेटा सार्वजनिक करना, डॉकिन्ग व अनडॉकिन्ग तकनीकों का सफल परीक्षण, भारत का सबसे शक्तिशाली तरल इंजन विकसित करना, और श्रीहरिकोटा से 100वीं ऐतिहासिक लॉन्च (GSLV-F15) शामिल हैं। इसके अलावा ISRO ने कुंभ मेला 2025 जैसे राष्ट्रीय आयोजनों में भी उपग्रह आधारित निगरानी के माध्यम से सहयोग किया है, और भविष्य के प्रक्षेपणों हेतु विकास इंजन को पुनः शुरू करने का सफल प्रदर्शन किया है।
मई से जुलाई 2025 के बीच ISRO कई बड़े मिशनों को अंजाम देने जा रहा है। इनमें PSLV-C61 द्वारा अत्याधुनिक EOS-09 उपग्रह का प्रक्षेपण शामिल है, जो C-बैंड सिंथेटिक एपर्चर रडार से लैस होगा और हर मौसम में, दिन-रात पृथ्वी की सतह की उच्च-रिज़ॉल्यूशन छवियों को कैप्चर कर सकेगा।
एक अन्य महत्वपूर्ण मिशन Test Vehicle-D2 (TV-D2) होगा, जो गगनयान मिशन के लिए आपातकालीन परिदृश्य का अनुकरण और क्रू एस्केप सिस्टम का प्रदर्शन करेगा। इस मिशन में समुद्री रिकवरी ऑपरेशंस भी शामिल होंगे।
जून में बहुप्रतीक्षित NISAR उपग्रह का प्रक्षेपण GSLV-F16 के जरिए किया जाएगा। यह NASA-ISRO का संयुक्त मिशन होगा, जो पृथ्वी के पारिस्थितिकी तंत्र और प्राकृतिक आपदाओं का अध्ययन करेगा। जुलाई में LVM3-M5 मिशन के तहत अमेरिकी कंपनी AST SpaceMobile Inc. के लिए BlueBird Block-2 उपग्रह लॉन्च किए जाएंगे, जो न्यू स्पेस इंडिया लिमिटेड की व्यावसायिक योजना का हिस्सा है।