पंजाब में भारी बारिश का अलर्ट: अगले 48 घंटे ‘रेड अलर्ट’ जारी

इंडिया मीटिरोलॉजिकल डिपार्टमेंट (IMD) ने पंजाब में अगले 48 घंटे के लिए रेड अलर्ट जारी किया है। मौसम विभाग ने चेताया है कि इस दौरान बहुत भारी से असाधारण भारी बारिश होने की संभावना है, जिससे नदियों में बाढ़, पहाड़ी क्षेत्रों में भूस्खलन और निम्न-क्षेत्रों में जलभराव की स्थिति बन सकती है। कमजोर या असुरक्षित ढांचे भी बारिश की तेज़ी और मात्रा के कारण नुकसान पहुंचा सकते हैं।

अशोक और नारंगी अलर्ट

उत्तर और पश्चिम पंजाब के कुछ हिस्सों के साथ-साथ उत्तर और दक्षिण हरियाणा में शनिवार से ऑरेंज अलर्ट भी जारी किया गया है। इसका मतलब है कि इन क्षेत्रों में अलग-अलग स्थानों पर भारी से बहुत भारी बारिश हो सकती है।
कपूरथला जिले में प्रशासन ने लोगों से सुल्तानपुर लोधी इलाके में बीस नदी का जलस्तर बढ़ने के मद्देनजर सुरक्षित स्थानों पर जाने की अपील की है।

बारिश के आंकड़े और प्रभावित जिले

इस मानसून में पठानकोट, गुरदासपुर, होशियारपुर, अमृतसर, फरीदकोट, फाजिल्का, संगरूर, मानसा और मोगा जैसे कई जिले सामान्य से कई गुना अधिक बारिश दर्ज कर चुके हैं। 25 अगस्त से इन इलाकों में औसत बारिश का 8 से 9 गुना पानी गिर चुका है, जिससे निम्न-क्षेत्रों में बाढ़ की स्थिति और गंभीर हो गई है।

स्कूलों में छुट्टियां

पंजाब सरकार ने मौजूदा मौसम की स्थिति को देखते हुए सभी स्कूलों में छुट्टियों को 3 सितंबर तक बढ़ा दिया है। शिक्षा मंत्री हरजोत बैंस ने बताया कि पहले छुट्टियां 27 से 30 अगस्त तक थीं।

आपात सेवाएं सतर्क

जिलों के अधिकारी स्थिति पर लगातार निगरानी रख रहे हैं और आपात सेवाओं को हाई अलर्ट पर रखा गया है ताकि किसी भी परिस्थिति में तुरंत कार्रवाई की जा सके।

लुधियाना में भारी बारिश

लुधियाना ने इस मानसून में अब तक पिछले पूरे साल की तुलना में अधिक बारिश दर्ज की है। IMD के अनुसार, 30 अगस्त तक शहर में 543 मिमी बारिश हुई, जो जून-सितंबर 2024 में 524 मिमी की कुल बारिश से अधिक है। केवल शनिवार को ही 6.2 मिमी बारिश रिकॉर्ड की गई। इस महीने की कुल बारिश अब 238 मिमी हो गई है। हालांकि, लुधियाना के लिए अभी कोई अलर्ट जारी नहीं किया गया है।

बाढ़ की स्थिति

पंजाब में Sutlej, Beas और Ravi नदियां अपने जलग्रहण क्षेत्रों में भारी बारिश के कारण उफान पर हैं। हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर के ऊपरी क्षेत्रों में लगातार बारिश के चलते ये नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं।