
नई दिल्ली — अब आधार वेरिफिकेशन करना उतना ही आसान हो जाएगा जितना UPI पेमेंट करना। केंद्र सरकार ने एक नया आधार ऐप पेश किया है जो पूरी तरह डिजिटल, सुरक्षित और उपयोगकर्ता की गोपनीयता को प्राथमिकता देता है। मंगलवार को केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने दिल्ली में आयोजित आधार संवाद कार्यक्रम के दौरान इस ऐप की जानकारी दी।
मंत्री ने कहा, “अब आधार वेरिफिकेशन उतना ही आसान हो गया है जितना कि UPI पेमेंट करना। उपयोगकर्ता डिजिटल तरीके से अपना आधार विवरण साझा कर सकेंगे और वो भी अपनी गोपनीयता को सुरक्षित रखते हुए।”
ऐप की खासियतें:
- डिजिटल वेरिफिकेशन: अब उपयोगकर्ता मोबाइल ऐप के जरिए QR कोड स्कैन कर या अनुरोधकर्ता ऐप के माध्यम से अपने आधार की पुष्टि कर सकेंगे।
- फेस ऑथेंटिकेशन: ऐप में फेस आईडी आधारित प्रमाणीकरण की सुविधा होगी, जिससे फिजिकल आधार कार्ड या फोटोकॉपी की जरूरत नहीं पड़ेगी।
- 100% डिजिटल और सुरक्षित: ऐप पूरी तरह डिजिटल होगा और केवल उपयोगकर्ता की अनुमति से ही डाटा साझा किया जा सकेगा।
- गोपनीयता पर जोर: अब होटल रिसेप्शन, दुकानें या यात्रा के दौरान आधार की फोटोकॉपी देने की जरूरत नहीं होगी। यह ऐप आधार डाटा के दुरुपयोग या फोटोशॉप जैसी छेड़छाड़ से भी सुरक्षा देगा।
UIDAI ने कहा है कि यह ऐप अभी बीटा टेस्टिंग चरण में है और इसे फिलहाल सीमित उपयोगकर्ताओं के लिए जारी किया गया है, जिसमें आधार संवाद के तीसरे संस्करण के पंजीकृत प्रतिभागी शामिल हैं। उपयोगकर्ताओं और इकोसिस्टम पार्टनर्स से मिली प्रतिक्रिया के आधार पर यह ऐप जल्द ही सभी के लिए उपलब्ध कराया जाएगा।
आधार संवाद कार्यक्रम में क्या हुआ?
कार्यक्रम में UIDAI ने कई नए डिजिटल उत्पादों का डेमो भी पेश किया, जिसमें एक नया सैंडबॉक्स सिस्टम और यह नया मोबाइल ऐप शामिल था। UIDAI के CEO भुवनेश कुमार ने कहा, “आधार फेस ऑथेंटिकेशन अब प्रमाणीकरण के परिदृश्य में एक पहचान बनता जा रहा है, जो हर महीने 15 करोड़ से अधिक लेनदेन दर्ज कर रहा है।”
इससे पहले आधार संवाद का पहला संस्करण बेंगलुरु में नवंबर 2024 में और दूसरा जनवरी 2025 में मुंबई में आयोजित किया गया था।