
मराठा आरक्षण आंदोलन के नेता मनोज जारंगे-पाटिल का मुंबई के आज़ाद मैदान में शुरू हुआ अनिश्चितकालीन अनशन शनिवार को दूसरे दिन भी जारी रहा। शुक्रवार सुबह वे हजारों समर्थकों और वाहनों के विशाल काफिले के साथ मुंबई पहुंचे थे। दक्षिण मुंबई में भीड़ बढ़ने से यातायात प्रभावित हुआ।
मंत्रिमंडलीय उप-समिति की बैठक
इसी बीच, मराठा आरक्षण पर बनी मंत्रिमंडलीय उप-समिति की बैठक शनिवार को वरिष्ठ भाजपा नेता एवं जल संसाधन मंत्री राधाकृष्ण विखे पाटिल की अध्यक्षता में हुई। बैठक के बाद उन्होंने कहा—
“हमने कुछ फैसले लिए हैं जिन्हें जारंगे-पाटिल तक पहुँचाया जाएगा। यह ज़िम्मेदारी सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति संदीप शिंदे को दी गई है। वे संभागीय आयुक्त विजय सुर्यवंशी के साथ मिलकर उन्हें हमारे निर्णयों की जानकारी देंगे।”
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि यदि जारंगे-पाटिल अन्य मुद्दे उठाते हैं तो समिति उस पर चर्चा के लिए भी तैयार है।
शिंदे समिति की भूमिका
यह समिति 9 सितंबर 2023 को बनी थी, जब एकनाथ शिंदे मुख्यमंत्री थे। इसका उद्देश्य मराठाओं को कुनबी प्रमाणपत्र जारी करने की प्रक्रिया और दिशा-निर्देश तय करना है ताकि उन्हें ओबीसी श्रेणी में शामिल किया जा सके।
आंदोलन और सरकार पर आरोप
जारंगे-पाटिल ने सरकार पर नाराज़गी जताते हुए कहा कि उनकी मांगों को अनदेखा किया जा रहा है। उन्होंने कहा—
“हम सरकार से निवेदन करते हैं कि हमारी मांग मानें। गरीब मराठाओं का अपमान न करें। हम ओबीसी कोटा हटाकर अपने लिए नहीं मांग रहे हैं। हम सिर्फ अपने कुनबी मूल के आधार पर हक़ की मांग कर रहे हैं।”
उन्होंने आरोप लगाया कि कुछ मंत्री आंदोलन को लेकर गलतफहमियां फैला रहे हैं ताकि राज्य में अस्थिरता पैदा हो। साथ ही उन्होंने यह भी शिकायत की कि बीएमसी ने प्रदर्शनकारियों के लिए पीने का पानी और शौचालय जैसी बुनियादी सुविधाओं का पर्याप्त इंतज़ाम नहीं किया।
ओबीसी समुदाय की प्रतिक्रिया
दूसरी ओर, नागपुर में ओबीसी समुदाय ने अपने आरक्षण की रक्षा के लिए श्रृंखला अनशन (chain hunger strike) शुरू कर दिया है। उनका कहना है कि यदि मराठाओं को ओबीसी कोटे में शामिल किया गया तो उनका हिस्सा कम हो जाएगा। उन्होंने घोषणा की है कि अगले 15 दिनों में वे मुंबई में मोर्चा निकालेंगे और जारंगे-पाटिल से कोटा बचाने की अपील करेंगे।
राजनीतिक महत्व
इस आंदोलन के बीच, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह भी मुंबई में मौजूद हैं। संभावना है कि मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस उन्हें इस पूरे घटनाक्रम की जानकारी देंगे।