
भारत में इस साल मानसून ने सामान्य समय से नौ दिन पहले दस्तक दी है। भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने रविवार को पूरे देश, जिसमें दिल्ली भी शामिल है, में मानसून के आगमन की घोषणा की। आमतौर पर 8 जुलाई तक दिल्ली में मानसून पहुंचता है, लेकिन इस बार यह 29 जून को ही राजधानी समेत राजस्थान, पश्चिमी उत्तर प्रदेश और हरियाणा में पूरी तरह छा गया।
दिल्ली-एनसीआर में शनिवार और रविवार को हल्की से मध्यम बारिश दर्ज की गई, जिसके साथ तेज़ हवाएं भी चलीं। रोहिणी, पीतमपुरा, करावल नगर, राजौरी गार्डन, द्वारका और आईजीआई एयरपोर्ट सहित कई इलाकों में बारिश के कारण मौसम सुहावना हो गया। हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के नोएडा समेत कई क्षेत्रों में भी बिखरी हुई बारिश और गरज-चमक के साथ तूफानी हवाएं चलीं, जिनकी रफ्तार कुछ स्थानों पर 50 किमी/घंटा तक पहुंच गई।
उत्तराखंड में रेड अलर्ट, चारधाम यात्रा स्थगित
उत्तराखंड में भारी बारिश के चलते हालात गंभीर हो गए हैं। मौसम विभाग ने राज्य के कई जिलों—उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग, देहरादून, टिहरी, पौड़ी, चंपावत, बागेश्वर, ऊधम सिंह नगर और हरिद्वार—के लिए 30 जून और 1 जुलाई के लिए रेड अलर्ट जारी किया है। इसके अतिरिक्त, 1 और 2 जुलाई को पूरे राज्य में ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है।
भारी बारिश के चलते चारधाम यात्रा को 24 घंटे के लिए स्थगित कर दिया गया है। गढ़वाल कमिश्नर विनय शंकर पांडे ने बताया कि बद्रीनाथ और केदारनाथ जा रहे श्रद्धालुओं को श्रीनगर और रुद्रप्रयाग में ही रोका जा रहा है, जबकि यमुनोत्री और गंगोत्री जाने वाले यात्रियों को विकासनगर और बारकोट में रोका गया है। जो तीर्थयात्री पहले से ही धामों में मौजूद हैं, उन्हें सुरक्षित स्थानों पर लाया जा रहा है।
उत्तरकाशी के बारकोट क्षेत्र में सिलाई बैंड के पास बादल फटने से एक होटल निर्माण स्थल पर भूस्खलन हुआ, जिसमें 9 मजदूर लापता हो गए हैं। जिला अधिकारी प्रशांत आर्य ने बताया कि एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, पुलिस और स्थानीय प्रशासन राहत और बचाव कार्यों में जुटे हुए हैं।
हिमाचल प्रदेश भी अलर्ट पर
हिमाचल प्रदेश के कई जिलों—बिलासपुर, चंबा, हमीरपुर, कांगड़ा, कुल्लू, मंडी, शिमला, सिरमौर, सोलन और ऊना—में अगले 24 घंटों के दौरान बाढ़ और भूस्खलन का खतरा बना हुआ है। मंडी जिले में बढ़ते जल स्तर को देखते हुए पंडोह डैम के सभी पांच गेट खोल दिए गए, जिससे 36,000 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। स्थानीय प्रशासन ने ब्यास नदी के किनारे जाने से मना किया है।
स्थानीय प्रशासन की चेतावनी
दिल्ली, हरियाणा, उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश के प्रशासन ने नागरिकों से अपील की है कि वे भूस्खलन और जलभराव वाले क्षेत्रों से दूर रहें। अगले 24 घंटों के दौरान पूरे उत्तर भारत में बारिश जारी रहने की संभावना है।
मौसम की यह तीव्रता जहां किसानों के लिए राहत लेकर आई है, वहीं पर्वतीय और निचले इलाकों में रह रहे लोगों के लिए चिंता का कारण बन गई है। प्रशासन और राहत एजेंसियां सतर्क हैं और नागरिकों से भी सतर्कता बरतने की अपील की गई है।