
रामबन (जम्मू-कश्मीर): जम्मू-कश्मीर के रामबन जिले में भारी बारिश और बादल फटने की घटनाओं के चलते भयंकर बाढ़ और भूस्खलन हुए हैं, जिनमें कम से कम तीन लोगों की मौत हो गई है। रिपोर्ट के अनुसार, रविवार सुबह करीब 4:30 बजे हुए इस बादल फटने ने कई घर, वाहन और सड़कें तबाह कर दीं, जबकि कई लोग फंसे रह गए।
मौके का जायज़ा लेने पहुंचे उपमुख्यमंत्री सुरिंदर चौधरी ने कहा, “स्थिति काफी गंभीर है। मैं लौटकर मुख्यमंत्री को अपनी रिपोर्ट सौंपूंगा।” इस दौरान उनके साथ नेशनल कॉन्फ्रेंस के विधायक अर्जुन सिंह राजू (रामबन) और सज्जाद शाहीन (बनिहाल) भी मौजूद थे।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि प्रशासन स्थिति पर नज़र रख रहा है और प्रभावित नागरिकों को सहायता देने के लिए मूल्यांकन किया जाएगा। उन्होंने कहा, “फिलहाल हमारी प्राथमिकता लोगों की जान बचाना है।”
मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने घटना पर शोक व्यक्त किया है और प्रभावित परिवारों को हर संभव मदद देने की बात कही है। उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने बताया कि जिला प्रशासन, राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (SDRF) और अन्य बचाव टीमें मौके पर तैनात हैं और राहत कार्यों में जुटी हैं।
क्या हुआ था?
रामबन जिले के सेरी बगना गांव में रविवार सुबह बादल फटने से मोहम्मद साकिब (10), उनके भाई अकीब अहमद (12) और उनके पड़ोसी मुनी राम (65) की मौत हो गई।
स्थानीय निवासी और प्रत्यक्षदर्शी मोहम्मद हाफिज ने बताया, “मैंने अपने जीवन में ऐसा मौसम कभी नहीं देखा। सुबह करीब 4:30 बजे बादल फटने की जोरदार आवाज़ से मेरी नींद खुली और कुछ ही मिनटों में चारों तरफ़ चीख-पुकार मच गई।”
हाफिज ने बताया कि स्थानीय लोग तुरंत मदद के लिए आगे आए। “हमने दोनों भाइयों को मलबे से बाहर निकाला, लेकिन तब तक उनकी मौत हो चुकी थी।”
एक अन्य ग्रामीण असगर अली, जिनका घर बाढ़ में बह गया, ने बताया, “सुबह 5:30 बजे के करीब नाले का पानी तेजी से बढ़ने लगा। मैंने कई बादल फटने की आवाजें सुनीं। पुलिस की त्वरित कार्रवाई की सराहना करनी होगी।”
ताज़ा अपडेट
बाढ़ में तीन लोगों की जान चली गई है, दर्जनों घर, दुकानें और सड़कें क्षतिग्रस्त हुई हैं, और 100 से ज्यादा लोगों को सुरक्षित निकाला गया है।
जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग (NH-44) भूस्खलन के कारण बंद कर दिया गया है। इस मार्ग पर बनिहाल से नाशरी के बीच दर्जनों स्थानों पर भूस्खलन हुआ है, जिससे सैकड़ों वाहन फंसे हुए हैं।
धारम कुंड गांव में करीब 40 घर बाढ़ से प्रभावित हुए हैं, जिनमें से 10 पूरी तरह से नष्ट हो गए हैं।
प्रशासन ने बताया कि 100 से अधिक ग्रामीणों को पुलिस ने सुरक्षित बाहर निकाला और उन्हें नज़दीकी सरकारी स्कूल में अस्थायी आश्रय दिया गया है, जहां राशन और अन्य जरूरी वस्तुएं मुहैया कराई जा रही हैं।
सेना, SDRF, पुलिस, स्थानीय स्वयंसेवी संगठन और अन्य एजेंसियां प्रभावित क्षेत्रों में राहत और बचाव कार्यों में जुटी हैं।
रामबन के अलावा, सोनमर्ग में बॉर्डर रोड्स ऑर्गेनाइज़ेशन (BRO) की टीमें बर्फ हटाने के काम में लगी हैं क्योंकि अमरनाथ यात्रा भी जारी है। डोडा जिले के भलेसा और उधमपुर में भी भारी बारिश और कोहरा देखा गया है।
स्कूल और कॉलेज बंद
राज्य शिक्षा मंत्री सकीना इत्तो ने सोशल मीडिया पर जानकारी दी कि 21 अप्रैल को सभी स्कूल, कॉलेज और तकनीकी शिक्षण संस्थान बंद रहेंगे। उन्होंने कहा, “मौसम की गंभीरता को देखते हुए सभी छात्रों की सुरक्षा के लिए यह एहतियाती कदम उठाया गया है।”
यातायात पर असर
ट्रैफिक विभाग ने जानकारी दी है कि NH-44 को बनिहाल और नाशरी के बीच कई जगहों पर हुए भूस्खलन, कीचड़ और पत्थर गिरने की वजह से बंद कर दिया गया है।
डिप्टी ट्रैफिक इंस्पेक्टर जावेद कटारिया ने बातचीत में कहा, “राष्ट्रीय राजमार्ग पूरी तरह से बंद है। जब तक मौसम ठीक नहीं होता, कृपया इस मार्ग पर यात्रा न करें। रास्ता खुलने की संभावना शाम तक या कल तक भी नहीं दिख रही है।”
मौसम विभाग की चेतावनी
भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने जम्मू-कश्मीर में तेज़ बारिश, ओले, आंधी और बिजली गिरने की चेतावनी दी है।
मौसम केंद्र श्रीनगर ने “येलो अलर्ट” जारी किया है, जो जम्मू, पुंछ, कठुआ, मीरपुर और मुज़फ़्फराबाद को छोड़कर बाकी सभी जिलों पर लागू होता है।
इसके अलावा, हिमाचल प्रदेश के क्षेत्रीय मौसम केंद्र ने कुल्लू, मंडी और कांगड़ा जिलों में भी 21 अप्रैल को हल्की से मध्यम बारिश के साथ ओले, बिजली और तेज़ हवाओं की संभावना जताई है।