दिल्ली कैबिनेट ने निजी स्कूलों की फीस पर नियंत्रण के लिए शिक्षा विधेयक को दी मंजूरी, जानिए पूरी जानकारी

दिल्ली सरकार ने राजधानी के निजी स्कूलों में मनमाने ढंग से फीस वसूली पर रोक लगाने के उद्देश्य से एक बड़ा कदम उठाया है। शिक्षा मंत्री आशीष सूद ने बताया कि दिल्ली कैबिनेट ने ‘दिल्ली स्कूल शिक्षा (फीस निर्धारण और विनियमन में पारदर्शिता) विधेयक 2025’ को मंजूरी दे दी है। यह कानून 1 अप्रैल 2025 से प्रभावी रूप से लागू माना जाएगा और इसे राष्ट्रपति की स्वीकृति के लिए भेजा जाएगा।

विधेयक की मुख्य बातें:

  • यह विधेयक दिल्ली के 1,677 निजी (गैर-सहायता प्राप्त) और सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों में लागू होगा।
  • किसी भी स्कूल को तय सीमा से अधिक फीस किसी भी रूप में वसूलने की अनुमति नहीं होगी।
  • यदि किसी छात्र को फीस को लेकर मानसिक या शारीरिक रूप से प्रताड़ित किया जाता है, तो संबंधित स्कूल पर ₹50,000 का जुर्माना लगाया जाएगा।
  • यदि जुर्माना निर्धारित समय में नहीं चुकाया गया, तो जुर्माने की राशि दोगुनी हो सकती है।
  • यदि कोई स्कूल इस कानून के प्रावधानों का उल्लंघन करता है, तो सरकार उस स्कूल की संपत्ति को सील और नीलाम भी कर सकती है।
  • हर स्कूल में एक विद्यालय स्तरीय फीस नियामक समिति बनाई जाएगी, जिसमें अभिभावकों को भी शामिल किया जाएगा ताकि वे सीधे निर्णय ले सकें।
  • स्कूलों की फीस तय करते समय उनकी स्थान, बुनियादी ढांचे की गुणवत्ता, शैक्षणिक प्रदर्शन और फंड की आवश्यकता को ध्यान में रखा जाएगा।
  • जिला और राज्य स्तरीय अपीलीय समितियाँ फीस संबंधी विवादों की सुनवाई और निवारण करेंगी।

शिक्षा मंत्री ने क्या कहा:

शिक्षा मंत्री आशीष सूद ने इस फैसले को “दिल्ली के लोगों के लिए एक ऐतिहासिक दिन” बताया और कहा, “यह विधेयक शिक्षा के क्षेत्र में पारदर्शिता और जवाबदेही लाएगा।” उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि अब स्कूल फीस में मनमानी बढ़ोतरी नहीं कर पाएंगे।

अन्य प्रावधान:

  • किसी भी छात्र को फीस न चुकाने पर स्कूल निष्कासन, परीक्षा परिणाम रोकने या सार्वजनिक रूप से शर्मिंदा करने जैसे दंडात्मक कदम नहीं उठा सकेंगे
  • यह विधेयक तीन-स्तरीय प्रणाली के तहत कार्य करेगा — विद्यालय स्तर, जिला स्तर और राज्य स्तर पर समितियाँ गठित होंगी, जो फीस संबंधी शिकायतों की सुनवाई करेंगी।
  • विधेयक के तहत, स्कूलों को विज्ञान, संगीत जैसे विशिष्ट विषयों के लिए अलग से शुल्क वसूलने के तरीकों, और छात्रों से वसूली गई राशि के उपयोग को लेकर भी दिशा-निर्देश दिए जाएंगे।

मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता की अध्यक्षता में इस विधेयक को अप्रैल में मंजूरी दी गई थी। सरकार जल्द ही सभी तरह के स्कूलों (सहायता प्राप्त, गैर-सहायता प्राप्त, निजी और अन्य) के लिए एक विस्तृत फीस निर्धारण प्रक्रिया और दिशानिर्देश जारी करेगी।