BPSC लेगी परीक्षा, बिहार में 45 हजार प्रधानाध्यापक व प्रधान शिक्षक नियुक्त होंगे, नीतीश कैबिनेट की मंजूरी

बिहार के प्राथमिक विद्यालयों में 40518 प्रधान शिक्षक और उच्च माध्यमिक विद्यालयों में 5334 प्रधानाध्यापक के पदों के सृजन की स्वीकृति राज्य कैबिनेट ने दे दी है। इन पदों पर बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) के माध्यम से नियुक्ति होगी। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई राज्य कैबिनेट की बैठक में इसकी मंजूरी दी गई। शिक्षा विभाग जल्द उक्त 45852 पदों पर नियुक्ति के लिए बीपीएससी को अधियाचना भेजेगा। कैबिनेट ने कुल 17 प्रस्तावों को मंजूरी दी है।

कैबिनेट के अपर मुख्य सचिव संजय कुमार ने बैठक के बाद प्रेस कांफ्रेंस में बताया कि प्रधान शिक्षक का संवर्ग जिला और प्रधानाध्यापक का संवर्ग प्रमंडल स्तरीय होगा। प्रधान शिक्षकों के 40518 पदों के सृजन के साथ ही इतनी ही संख्या में पंचायत और नगर निकाय के प्रारंभिक शिक्षकों के पदों को प्रत्यार्पित भी कर दिया गया है। प्रधानाध्यापक के पद उन उच्च माध्यमिक विद्यालयों के लिए सृजित की गई है, जिनकी स्थापना नई है। पूरे राज्य में इन विद्यालयों की संख्या 9360 हैं, जिनमें 5334 में प्रधानाध्यापक के पद सृजित नहीं थे। पदों की गणना जिलावार होगी। इसके बाद आरक्षण कोटि वार पदों की गणना कर विभाग बीपीएससी को भेजेगा, ताकि उस आधार पर वह अभ्यर्थियों का चयन कर सके।

150 अंकों की होगी लिखित परीक्षा

बीपीएससी द्वारा प्रधान शिक्षक व प्रधानाध्यापकों के पद के लिए 150 अंकों की लिखित परीक्षा ली जाएगी। प्रश्न वस्तुनिष्ठ व बहुविकल्पीय होंगे। प्रत्येक प्रश्न एक अंक का होगा और प्रत्येक गलत उत्तर के लिए 0.25 अंक की निगेटिव मार्किंग होगी। परीक्षा की अवधि दो घंटे की होगी।

प्राथमिक विद्यालय में प्रधान शिक्षक और उच्च माध्यमिक विद्यालयों में बिहार लोक सेवा आयोग द्वारा प्रधानाध्यापकों की प्रतियोगिता परीक्षा के माध्यम से सीधी नियुक्ति से राज्य के सरकारी विद्यालयों का शैक्षणिक माहौल बेहतर होगा। यहां की प्रशासनिक व अनुशासनिक व्यवस्था उच्चतम हो जाएगी। प्रधान शिक्षक व प्रधानाध्यापक की सीधी नियुक्ति पर निर्णय के लिए मुख्यमंत्री जी को धन्यवाद। – विजय कुमार चौधरी, शिक्षा मंत्री