Alert:जानिए क्या है वजह- अगले महीने से आपको नहीं मिलेगा राशन

राशन कार्ड को आधार से लिंक कराने पर प्रशासन ने फिर से फोकस शुरू कर दिया है। जिले में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (एनएफएसए) की 40 हजार यूनिटों पर जल्द ही कैंची चलने लगेगी। शत-प्रतिशत ऑथेंटिकेशन के लिए आला अफसरों के निर्देश पर यह कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। ऐसा हुआ तो करीब नौ हजार परिवारों के सरकारी राशन पर रोक लगनी तय है। केंद्र सरकार के निर्देशानुसार वन नेशन वन राशन कार्ड योजना को देशभर में लागू किया गया है।

जिसके तहत उपभोक्ताओं के स्मार्ट राशन कार्ड (पीवीसी) बनाए जाने हैं। इस नए राशन कार्ड से उपभोक्ता देशभर में कहीं से भी किसी भी राशन की दुकान से अपने कोटे का खाद्यान्न ले सकेंगे। लेकिन इससे पहले खाद्य आपूर्ति विभाग को सभी राशन कार्ड धारक परिवार के मुखिया और कार्ड की सभी यूनिटों को आधार से लिंक करना था। नैनीताल समेत सभी जिलों में राशन कार्ड धारक परिवार के मुखिया का आधार लिंक करने की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है।

जिसके बाद यूनिटों के आधार लिंक कराने थे। इसके तहत राशन कार्ड धारक परिवार के प्रत्येक सदस्य को अपने क्षेत्र के सरकारी सस्ता गल्ला विक्रेता के माध्यम से आधार लिंक कराना था। इसके बावजूद जिले में एनएफएसए के तहत सफेद और लाल राशन कार्डों से जुड़ी 58 हजार यूनिटों का आधार लिंक नहीं हो सका। ऐसे में इन सभी को फर्जी मानते हुए निरस्त करने के आदेश शासन से मिले। बीते साल दिसंबर में इन यूनिटों को निरस्त कर दिया गया।

हालांकि कुछ दिनों बाद आधार लिंक कराने के लिए इन सभी को दोबारा मौका दिया गया। इसके बावजूद 40 हजार यूनिटों का आधार लिंक नहीं हो सका है। इस बार शासन स्तर से खाद्य आपूर्ति विभाग को मौखिक तौर पर ऐसी यूनिटों को निरस्त करने का आदेश दिया गया है। अफसरों की मानें तो करीब नौ हजार राशन कार्ड सीधे-सीधे सार्वजनिक खाद्य वितरण प्रणाली से बाहर हो जाएंगे।

विभागीय लापरवाही करार दे रहे उपभोक्ता

बार-बार दस्तावेज और आधार कार्ड मांगे जाने से नाराज उपभोक्ताओं ने इसे विभागीय लापरवाही करार दिया है। गल्ला विक्रेताओं की मानें तो विभाग पूर्व में भी कई बार उपभोक्ताओं से आधार कार्ड मांग चुका है। अब फिर से आधार मांगे जाने से उनमें खासी नाराजगी है। उनका कहना है कि जो यूनिटें बार-बार कहने के बावजूद आधार लिंक नहीं करा पा रही हैं उन्हें सीधे निरस्त कर देना चाहिए। इस तरह एक के बाद एक कई बार मौका देने से अन्य उपभोक्ता भी परेशान हो रहे हैं। जो उपभोक्ता सभी यूनिटों का आधार लिंक करा चुके हैं उनसे भी आधार मांगा जा रहा है।

राज्य में 7 लाख यूनिटें हुई थी निरस्त

बीते साल दिसंबर में आधार लिंक न करा पाने पर राज्यभर में 7 लाख यूनिटें निरस्त कर दी गई थी। कई जिलों में पूरे परिवार का राशन कार्ड निरस्त हो गया था। परिवार के मुखिया का यदि आधार लिंक न हो तो कार्ड की सभी यूनिटें निरस्त हो जाती हैं। प्रदेश में तब करीब 25 हजार परिवार प्रभावित हुए थे।

नैनीताल जिले में 2.41 लाख कार्डधारक

जिले में वर्तमान में 2.41 लाख राशन कार्डधारक परिवार हैं। पूर्व में जब आधार लिंक न होने के कारण 58 हजार यूनिटें निरस्त की गई थी तो उस समय इनकी संख्या सवा दो लाख के करीब थी।

पूर्व में निरस्त हुई यूनिटों को आधार लिंक कराने को समय दिया गया था। इसके बाद भी 40 हजार यूनिटें अब भी आधार से नहीं जुड़ी हैं। जिस कारण ऑनलाइन ऑथेंटिकेशन में परेशानी आ रही है। कई यूनिटों ने आधार जमा भी किया है तो उनमें नाम मैच नहीं हो रहे हैं। ऐसी यूनिटों को फिर से आधार से लिंक कराना होगा। ऐसा न होने पर यूनिट निरस्त कर दी जाएगी।

मनोज कुमार बर्मन, जिला पूर्ति अधिकारी नैनीताल

आधार लिंक कराने के लिए विभाग द्वारा बार-बार दस्तावेज मांगे जा रहे हैं। इससे उपभोक्ताओं में नाराजगी है। वे इसे विभाग की लापरवाही मान रहे हैं। गल्ला विक्रेता भी अब उपभोक्ताओं के दस्तावेज विभाग को देते-देते थक गए हैं।

रमेश चंद्र पांडेय, आदर्श राशनिंग डीलर्स वैलफेयर सोसायटी उत्तराखंड