
नौकरियों में फर्जीवाड़े मामले को लेकर विपक्षी दलों के लगातार आयोग के चेयरमैन और सचिवों को जांच में शामिल नहीं करने पर उठाए गए सवालों के बाद अब विजिलेंस ब्यूरो हरियाणा ने माना है कि हरियाणा लोक सेवा आयोग के चेयरमैन आलोक वर्मा और सचिव भूपेंद्र सिंह समेत अन्य अधिकारियों को शुरू से ही नियमित आधार पर जांच से जोड़ा जा रहा है।
गुरुवार को राज्य सतर्कता ब्यूरो, हरियाणा के प्रवक्ता ने बताया कि अब तक की जांच में यह सामने नहीं आया है कि आरोपी एचपीएससी द्वारा आयोजित एचसीएस प्रारंभिक और डेंटल सर्जन परीक्षाओं के अलावा किसी भी परीक्षा से समझौता करने में सफल रहे।
प्रवक्ता ने बताया कि एचपीएससी अधिकारियों द्वारा ब्यूरो टीम को सीसीटीवी फुटेज और अन्य डिजिटल मीडिया वाले डिजिटल वीडियो रिकॉर्डर प्रदान किए गए हैं। एचपीएससी से प्राप्त ओएमआर शीट और डिजिटल मीडिया को फोरेंसिक जांच के लिए एफएसएल भेज दिया गया है।
परीक्षार्थी भी हो रहे जांच में शामिल
साथ ही एचसीएस के साथ-साथ डेंटल सर्जन की परीक्षाओं में शामिल हुए संदिग्ध उम्मीदवारों को नोटिस भेजा गया है और उनमें से कुछ को जांच में शामिल किया गया है। अन्य संदिग्ध उम्मीदवार भी जांच में शामिल होने की प्रक्रिया में हैं ताकि उनकी भूमिका का पता लगाया जा सके।
जसबीर के पास नहीं था स्कैनिंग का काम
प्रवक्ता ने बताया कि आरोपियों से पूछताछ में पता चला है कि अनिल नागर ने एचसीएस प्रारंभिक और डेंटल सर्जन परीक्षाओं के लिए ओएमआर शीट की स्कैनिंग के लिए अश्विनी (पारू डेटा सॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड) को काम पर रखा था। स्कैनिंग का काम जसबीर सिंह की मेसर्स सेफडॉट ईसोल्युशंस प्राइवेट लिमिटेड के पास नहीं था। अश्विनी ने बदले में नवीन से संपर्क किया जिसने उम्मीदवारों से संपर्क किया।
स्टाफ नर्स, वीएलडीए और एएनएम का रास्ता साफ
विजिलेंस की क्लीन चिट मिलने के बाद अब हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग की स्टाफ नर्स, वीएलडीए और एएनएम की भर्ती का रास्ता साफ हो गया है। क्योंकि आरोपियों ने माना था कि उन्होंने 10-10 लाख लेकर इन तीनों भर्तियों में परीक्षार्थी पास कराए थे। आयोग की जांच में भी संदिग्ध रोल नंबर फेल पाए गए थे। ऐसे में संभावना है कि इन तीनों भर्तियों का परिणाम भी जल्द जारी होगा। आयोग के अध्यक्ष भोपाल सिंह खदरी ने बताया कि इन भर्तियों में कोई गड़बड़ी नहीं पाई गई है, जल्द ही इनका परिणाम जारी किया जाएगा।