फरीदाबाद में 350 किलो विस्फोटक और असॉल्ट राइफलें बरामद, J&K डॉक्टर की गिरफ्तारी के बाद बड़ा खुलासा

फरीदाबाद/श्रीनगर: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली से सटे हरियाणा के फरीदाबाद में पुलिस ने 350 किलो अमोनियम नाइट्रेट और दो असॉल्ट राइफलें बरामद की हैं। यह बड़ी कार्रवाई जम्मू-कश्मीर पुलिस द्वारा कश्मीरी डॉक्टर आदिल अहमद राठर की गिरफ्तारी के कुछ दिनों बाद की गई है। राठर पर श्रीनगर में आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के समर्थन में पोस्टर लगाने का आरोप है।


डॉ. आदिल अहमद राठर से पूछताछ में खुलासा

सूत्रों के मुताबिक, फरीदाबाद से बरामद किए गए विस्फोटक और हथियारों का सुराग पुलिस को राठर की पूछताछ के दौरान मिला। जांच में सामने आया कि यह सामग्री एक अन्य डॉक्टर मुझम्मिल शकील के पास रखी गई थी।
शकील, जो जम्मू-कश्मीर के पुलवामा का रहने वाला है, फरीदाबाद के अल-फलाह अस्पताल में कार्यरत है। उसे भी अब गिरफ्तार कर लिया गया है।


टाइमर और राइफलें भी मिलीं

फरीदाबाद पुलिस आयुक्त सतेंद्र कुमार गुप्ता ने बताया कि बरामद किए गए 350 किलो विस्फोटक के साथ टाइमर डिवाइस भी मिली हैं। उन्होंने कहा कि दो असॉल्ट राइफलें बरामद की गई हैं, हालांकि वे AK-47 प्रकार की नहीं हैं।


श्रीनगर में पोस्टर मामले से जुड़ा है पूरा नेटवर्क

यह मामला 27 अक्टूबर से जुड़ा है, जब श्रीनगर में जैश-ए-मोहम्मद के समर्थन में पोस्टर लगाए गए थे। जांच के दौरान सीसीटीवी फुटेज में डॉ. राठर पोस्टर लगाते हुए दिखे। इसके बाद पुलिस ने उन्हें उत्तर प्रदेश के सहारनपुर से गिरफ्तार किया।
राठर पहले अनंतनाग के सरकारी मेडिकल कॉलेज में कार्यरत थे। उनकी लॉकर की तलाशी में एक AK-47 राइफल और गोला-बारूद बरामद हुआ था। उसी जानकारी के आधार पर पुलिस ने फरीदाबाद में विस्फोटक बरामद किए।


UAPA और Arms Act के तहत मामला दर्ज

डॉ. आदिल अहमद राठर के खिलाफ आर्म्स एक्ट और गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम (UAPA) के तहत मामला दर्ज किया गया है। सूत्रों के मुताबिक, इस मामले से संकेत मिलता है कि आतंकी संगठन अब शिक्षित पेशेवरों की भर्ती कर रहे हैं, जिससे सुरक्षा एजेंसियां चिंतित हैं।


राजधानी के पास 350 किलो विस्फोटक से बढ़ी चिंता

पुलिस सूत्रों ने बताया कि अभी यह स्पष्ट नहीं है कि इतना बड़ा विस्फोटक भंडार दिल्ली के इतने करीब क्यों रखा गया था। इस बात की जांच जारी है कि इतनी बड़ी मात्रा में अमोनियम नाइट्रेट बिना किसी रोक-टोक के राजधानी क्षेत्र तक कैसे पहुंचाया गया।


संयुक्त अभियान में बरामदगी

यह पूरी कार्रवाई जम्मू-कश्मीर पुलिस और हरियाणा पुलिस के संयुक्त अभियान में की गई। अधिकारियों के अनुसार, जांच में और भी लोगों के नाम सामने आ सकते हैं और पूरे नेटवर्क का पर्दाफाश होने की संभावना है।