ज़हरीली खांसी की दवा से मासूमों की मौत का सिलसिला जारी, अब तक 20 से अधिक बच्चों ने तोड़ा दम

मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा में बच्चों को दी जा रही Coldrif खांसी की सिरप से मौतों का आंकड़ा लगातार बढ़ता जा रहा है। मंगलवार को दो और मासूमों की जान चली गई, जिससे पिछले 43 दिनों में मरने वालों की संख्या बढ़कर 17 हो गई है। जयाशु यादववंशी और वेदांश पवार, दोनों की उम्र सिर्फ दो साल थी और वे गुर्दे फेल होने की समस्या से जूझ रहे थे। नागपुर के जीएमसीएच अस्पताल में इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई।

चिकित्सकों के अनुसार, इन बच्चों की मौत का कारण सिरप में पाया गया खतरनाक केमिकल डाइएथिलीन ग्लाइकॉल (DEG) है। डॉ. आशीष लोठे ने बताया, “सिरप में DEG की मात्रा 48.6% पाई गई, जबकि अनुमेय सीमा मात्र 0.1% है। यह लगभग 500 गुना अधिक है। DEG मस्तिष्क के ऊतकों से चिपक जाता है और इसे शरीर से फिल्टर करना लगभग असंभव है।”

नागपुर के स्वास्थ्य अधिकारियों के मुताबिक, इस समय 11 बच्चे गंभीर स्थिति में अस्पताल में भर्ती हैं। प्रशासन ने घर-घर जाकर Coldrif की बोतलें खोजने और जब्त करने का अभियान शुरू किया है।


⚠️ देशभर में अलर्ट और जवाबदेही पर सवाल

मध्य प्रदेश और राजस्थान में अब तक 20 से अधिक बच्चों की मौत के बाद कई राज्यों ने इस सिरप पर प्रतिबंध लगा दिया है। इसके बावजूद जवाबदेही तय नहीं हो पाई है। अब तक केवल एक बाल रोग विशेषज्ञ को गिरफ्तार किया गया है, जबकि कंपनी और आपूर्ति श्रृंखला से जुड़े लोगों पर कार्रवाई की मांग तेज हो गई है।

यह सिरप डाइएथिलीन ग्लाइकॉल, जो एक औद्योगिक रसायन है और गुर्दे को गंभीर नुकसान पहुंचाता है, से दूषित पाया गया। कई विशेषज्ञों ने इस घटना को “लापरवाही और नियामक विफलता” करार दिया है।


🌍 WHO ने भारत से मांगा जवाब

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने भारत सरकार से Coldrif सिरप के निर्यात को लेकर स्पष्टीकरण मांगा है। डब्ल्यूएचओ ने कहा है कि जैसे ही भारत से आधिकारिक पुष्टि मिलेगी, वह इस पर Global Medical Products Alert जारी करने पर निर्णय लेगा।

Coldrif सिरप का निर्माण Sresan Pharma द्वारा किया गया है। इसी सिरप के सेवन से मध्य प्रदेश में कम से कम 16 बच्चों की मौत की खबरों के बाद यह मामला सुर्खियों में आया।