
पटना: निर्वाचन आयोग ने मंगलवार को बिहार विधानसभा चुनाव से पहले विशेष गहन संशोधन (Special Intensive Revision – SIR) के बाद अंतिम मतदाता सूची जारी की। इस सूची में कुल 48 लाख असक्षम मतदाताओं को हटा दिया गया है, जबकि 21 लाख नए पात्र मतदाता जोड़े गए हैं। अब कुल 7.41 करोड़ मतदाता आगामी विधानसभा चुनाव में अपने मत का प्रयोग करने के लिए पात्र हैं।
निर्वाचन आयोग ने कहा, “विशेष गहन संशोधन के मद्देनजर अंतिम मतदाता सूची 30 सितंबर 2025 को प्रकाशित की गई है। कोई भी मतदाता अपने नाम की पुष्टि सूची में दिए गए लिंक के माध्यम से कर सकता है।”
बिहार की अंतिम मतदाता सूची 22 साल के अंतराल के बाद संपन्न विशेष गहन संशोधन प्रक्रिया के समापन के बाद जारी की गई है।
जानकारी के अनुसार, 2024 के लोकसभा चुनावों के बाद बिहार में कुल मतदाताओं की संख्या 7.89 करोड़ थी। प्रारूपित मतदाता सूची 1 अगस्त को प्रकाशित की गई थी और 1 सितंबर तक व्यक्तियों और राजनीतिक दलों द्वारा “दावे और आपत्तियों” के लिए खुली रही। प्रारूपित सूची में कुल 7.24 करोड़ मतदाता थे, जिसमें 65 लाख मतदाता हटा दिए गए थे।
विशेष गहन संशोधन पर विपक्ष ने तीखी आलोचना की है और दावा किया है कि इस प्रक्रिया से करोड़ों वास्तविक नागरिक मतदान से वंचित हो सकते हैं। निर्वाचन आयोग ने हालांकि यह स्पष्ट किया है कि कोई भी योग्य नागरिक मतदाता सूची से बाहर नहीं होगा और साथ ही कोई असक्षम व्यक्ति सूची में शामिल नहीं होगा।
अंतिम मतदाता सूची के प्रकाशन के बाद आयोग बिहार में चुनाव कार्यक्रम की घोषणा अगले सप्ताह कर सकता है। आयोग 4 और 5 अक्टूबर को पटना का दौरा कर चुनाव तैयारियों का जायजा लेगा। सूत्रों के अनुसार विधानसभा चुनाव का कार्यक्रम संभवतः अगले सप्ताह घोषित किया जाएगा।
बिहार विधानसभा की 243 सीटों की कार्यकाल 22 नवंबर को समाप्त हो रही है। पिछली विधानसभा चुनाव तीन चरणों में कोविड-19 महामारी की छाया में आयोजित किए गए थे। चुनाव का पहला चरण छठ महोत्सव के बाद अक्टूबर के अंत में हो सकता है। बिहार और कुछ विधानसभा उपचुनावों के लिए कुल 470 पर्यवेक्षक तैनात किए जा रहे हैं। 3 अक्टूबर को सामान्य, पुलिस और व्यय पर्यवेक्षकों की ब्रीफिंग भी आयोजित की जाएगी।