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नई दिल्ली: दिल्ली और मुंबई के बीच मात्र 12 घंटे में सफर करने का सपना अब और दो साल देर से पूरा होगा, क्योंकि दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे की पूर्णता की समयसीमा बढ़ा दी गई है।
गुजरात के तीन सेक्शन में देरी
इस देरी का मुख्य कारण गुजरात में तीन हिस्सों में धीमा निर्माण कार्य है, जो कुल 87 किमी की दूरी को कवर करता है।
- 35 किमी का एक खंड जहां कोई प्रगति नहीं हुई।
- 7% कार्य पूरा हुआ दूसरे हिस्से में
- 35% निर्माण पूरा हुआ तीसरे हिस्से में
पहले की समयसीमा और मौजूदा स्थिति
🔹 1,382 किमी लंबे इस एक्सप्रेसवे को कई पैकेजों में विभाजित किया गया था।
🔹 पहले इसकी डेडलाइन मार्च 2024 थी, जिसे बाद में अक्टूबर 2025 तक बढ़ाया गया।
🔹 केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने हाल ही में इस 1 लाख करोड़ रुपये की परियोजना की समीक्षा की और तेजी से काम पूरा करने के निर्देश दिए।
दिल्ली-मुंबई यात्रा होगी 12 घंटे में पूरी
यह एक्सप्रेसवे दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान, मध्य प्रदेश, गुजरात और महाराष्ट्र से होकर गुजरेगा और पूर्ण रूप से चालू होने पर दिल्ली-मुंबई यात्रा को मात्र 12 घंटे तक सीमित कर देगा।
कब पूरा होगा कौन-सा सेक्शन?
🔸 हरियाणा का हिस्सा पूरा हो चुका है।
🔸 राजस्थान में मार्च-अप्रैल 2026 तक पूरा होने की उम्मीद।
🔸 महाराष्ट्र में अधिकांश हिस्से इस साल के अंत तक पूरे होने की संभावना, लेकिन 21 किमी जेएनपीटी लिंक में देरी।
🔸 गुजरात का 35 किमी हिस्सा, जो पूरी तरह रुका हुआ है, अब फरवरी 2027 तक पूरा होने का अनुमान।
निर्माण में देरी की मुख्य वजहें
📌 भूमि अधिग्रहण की समस्याएं
📌 तकनीकी चुनौतियां
📌 निर्माण एजेंसियों में बदलाव
केंद्रीय सड़क परिवहन राज्य मंत्री हर्ष मल्होत्रा ने दिल्ली चुनावों से पहले संकेत दिया था कि इस परियोजना की समाप्ति तिथि अब 2026 तक बढ़ाई गई है, लेकिन मौजूदा हालात को देखते हुए 2027 तक इसका पूरा होना संभव लग रहा है।