
पीएम नरेंद्र मोदी मंगलवार को पूर्वांचल एक्सप्रेसवे का उद्घाटन करने वाले हैं। लखनऊ से पूर्वी यूपी के आखिरी छोर पर बसे गाजीपुर को जोड़ने वाले 340 किलोमीटर लंबे इस एक्सप्रेसवे से कुल 9 शहर प्रदेश की राजधानी से कनेक्ट हो जाएंगे। यही नहीं आगरा-लखनऊ और यमुना एक्सप्रेसवे के जरिए गाजीपुर तक के लोग सीधे दिल्ली से कनेक्ट होंगे। पूर्वांचल एक्सप्रेसवे 340 किलोमीटर की लंबाई के साथ मौजूदा वक्त में प्रदेश ही नहीं बल्कि देश का सबसे लंबा एक्सप्रेसवे बन गया है।
यूपी को एक्सप्रेसवे की राजधानी बनाना उनका मास्टर प्लान नहीं था बल्कि इसे उत्तर प्रदेश सरकार की ही संस्था उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवे इंडस्ट्रियल डिवेलपमेंट अथॉरिटी (UPEIDA) ने किया है। लखनऊ, बाराबंकी, अमेठी, सुल्तानपुर, अयोध्या, अंबेडकरनगर, आजमगढ़, मऊ और गाजीपुर पूर्वांचल एक्सप्रेसवे के जरिए एक ही मार्ग पर होंगे। इन शहरों के बीच आवाजाही अब घंटों नहीं बल्कि मिनटों की बात होगी।
इटावा से चित्रकूट को जोड़ेगा बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे
मेरठ से सीधे प्रयागराज को जोड़ने वाले गंगा एक्सप्रेसवे को भी बनाने की तैयारी चल रही है, जो करीब 550 किलोमीटर लंबा होगा। बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे के माध्यम से इटावा से सीधे चित्रकूट तक का सफर तय हो सकेगा। इस पर तेजी से काम चल रहा है और प्रदेश सरकार की योजना अगले साल के अंत तक इसे लॉन्च करने की है।
गोरखपुर लिंक और गंगा एक्सप्रेसवे पर भी चल रहा है काम
इसके अलावा गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे कुल 91 किलोमीटर का होगा और यह पूर्वांचल एक्सप्रेसवे से गोरखपुर को कनेक्ट करने का काम करेगा।
ऐसे में केंद्र सरकार की मदद के बिना विकास की रफ्तार की यह कहानी लिखने के लिए यूपी सरकार की संस्था उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवे इंडस्ट्रियल डिवेलपमेंट अथॉरिटी तारीफ की हकदार है।