कानपुर में पकड़े गए साढ़े तीन किलो गोल्ड की इनसाइड स्टोरी: एक करोड़ 70 लाख का सोना कहां जा रहा था, जानिए

कानपुर सेंट्रल रेलवे स्टेशन से करीब 3.5 किलो (3490 ग्राम) सोने के साथ चार लोगों को हिरासत में लिया गया है। इसमें पांच बिस्किट और बाकी जेवरात हैं। पकड़े गए सोने की कीमत 1.70 करोड़बताई गई है।

जीआरपी के डिप्टी एसपी कमरुल हसन के मुताबिक गुरुवार को ब्रह्मपुत्र एक्स. से 4 युवक बैग लेकर प्लेटफॉर्म नंबर पांच पर सुबह करीब 8 बजे उतरे थे। चेकिंग के दौरान सर्च टीम ने पूछताछ की तो वे हड़बड़ा गए। संदेह होने पर तलाशी ली गई। युवकों ने अपने नाम राजस्थान के धौलपुर निवासी दीपक, झुंझनूं निवासी रमेश सैनी, मनोज सैनी, सुरेंद्र कुमार सैनी बताए। रमेश ने बताया कि सभी साईं एयर पार्स सर्विस कुरियर कंपनी दिल्ली में डिलीवरीमैन हैं। यह कंपनी अलग-अलग शहरों में सोना या फिर ज्वैलरी भेजती है।

सोने-चांदी की तस्करी के लिए कानपुर सेंट्रल अक्सर चर्चा में रहा। मथुरा और राजस्थान से चांदी तो दिल्ली से सोने की तस्करी होती है। तस्करी से नेपाल आने वाला सोना दिल्ली पहुंचता है। फिर ट्रेन से दूसरे देश के दूसरे हिस्सों में पहुंचता है। पुलिस का दावा है कि कुरियर कंपनियां तस्करी का माल इधर से उधर करने का बड़ा जरिया हैं। पूछताछ में एक आरोपित ने जीआरपी को यह जानकारी दी है। जीआरपी डिप्टी एसपी के मुताबिक, आरोपित रमेश ने बताया कि वह और अन्य तीन साथी 25 से 30 हजार रुपये महीने के वेतन में कुरियर कंपनी में काम करते हैं।

तीन वर्ष पहले भी ब्रह्मपुत्र से पकड़ा था सोना

2019 में सेंट्रल स्टेशन पर ही ब्रह्मपुत्र एक्सप्रेस रामू नामक डिलीवरीमैन को 400 ग्राम सोने के जेवर संग पकड़ा गया था। 2018 में कुछ ज्वैलरी कालका मेल से पकड़ी गई थी पर कारोबारी ने तीन दिन बाद बिल वाउचर दिखाकर रिलीज करा ली थी।

15 फरवरी-2021 को सेंट्रल स्टेशन पर 1.40 करोड़ रुपये से भरा लावारिस बैग बरामद हुआ था। यह रुपये आयकर विभाग के हवाले कर दिए गए थे। नोएडा की एक निजी फर्म ने दावा किया था। नोटों भरा बैग स्वतंत्रता सेनानी एक्सप्रेस के पैंट्रीकार से उतारा गया था। अभी 12 सितंबर को तीन लावारिस बैग स्वर्ण शताब्दी से दिल्ली तक पहुंचाए गए, जो शताब्दी के सी-8 कोच में इटावा स्टेशन से रखे गए थे।

सोना पकड़े जाने पर जीआरपी ने सबसे पहले स्टेट जीएसटी को सूचना दी। जीएसटी अफसर पहुंचे और तहकीकात के बाद लौट गए। पुलिस को बताया कि यह आयकर विभाग का मामला है। इसके बाद जीआरपी ने आयकर विभाग को मेमो भेजा।

आयकर विभाग के असिस्टेंट डायरेक्टर अंकित तिवारी, इंस्पेक्टर एसडी तिवारी ने चारों युवकों से अलग-अलग दो घंटे तक पूछताछ की। उनसे कंपनी और उसके मालिक की जानकारी जुटाई। अब आयकर की टीम भी कर टैक्स चोरी का मामला मान रही है।

आयकर विभाग के अधिकारियों ने भी पूछताछ की है। अभी यह साफ नहीं है कि सोना तस्करी का है या फिर टैक्स चोरी का। कूरियर कंपनी को सूचना दी गई है। माल के संबंध में अपने साक्ष्य आयकर टीम को सौंपेंगे। आयकर की क्लीयरेंस के बाद तय होगा कि आरोपितों पर क्या कार्रवाई होगी।