जानिए गिरफ्तारी की इनसाइड स्टोरी, अबू बकर घर वालों से क्या कह कर गया था दिल्ली ?

दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल व यूपी एटीएस की ओर से संदिग्ध आतंकी गतिविधियों में गिरफ्तार मोहम्मद अबू बकर एक सप्ताह पूर्व घर से दिल्ली के निजामुद्दीन स्थित जमात में जाने को कहकर निकला था। मंगलवार को एटीएस टीम सोनारी चौराहे पर स्थित अबू बकर के मकान से उसके छोटे भाई मोहम्मद उमर को पूछताछ के लिए कैसरगंज थाने लाई। उसके बाद चैनलों पर समाचार आने लगे कि अबू बकर की दिल्ली में गिरफ्तार कर लिया गया है। इस की खबर से यहां के लोग हैरत में पड़ गए। गिरफ्तार युवक के परिजन अभी भी उसे निर्दोष करार दे रहे हैं।

कैसरगंज थाने के प्यारेपुर निवासी 23 वर्षीय मोहम्मद अबू बकर पुत्र मोहम्मद सुन्ना खान महज छह वर्ष की आयु में अपने पिता के साथ सऊदी अरब के जेद्दा चला गया था। साथ में छोटा भाई मोहम्मद उमर भी था। इन दोनों भाइयों की वहां के सरकारी स्कूल में पढ़ाई हुई। वर्ष 2013 में अपने पिता के साथ दोनों भाई अपने गांव आ गए। इसके बाद दोनों भाइयों को सहारनपुर जिले के देवबन्द में तालीम लेना शुरू किया। अबू बकर ने आलिम की तालीम हासिल की। जबकि मोहम्मद उमर ने मुफ्ती व आलिम की तालीम हासिल की।

इसी वर्ष मई में यह परिवार अपने सोनारी चौराहे के नए मकान में शिफ्ट हो गया। अबू बकर की मां नसरीन जहां के मुताबिक अबू बकर की खजूर व परफ्यूम का कारोबार शुरू करने की मंशा थी। वह एक सप्ताह पूर्व घर से दिल्ली के निजामुद्दीन में जमात में शामिल होने की बात कहकर निकला था। वह कहती हैं कि मंगलवार शाम जब कुछ लोग उसके घर पहुंचे, और उसके बेटे उमर को साथ लेकर चले गए। तब तक उन्हें अबू बकर की गिरफ्तारी की जानकारी नहीं थी।  वह अक्सर बीमार रहती हैं। बाद में जब न्यूज चैनल के जरिए बेटे की गिरफ्तारी का पता चला, तो वह सन्न रह गईं। उनका बेटा निर्दोष है। यही कहना अबू बकर के चाचा अनवार हुसैन का है। अबू बकर के परिजनों का कहना है कि वह न्याय पाने को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी व दिल्ली पुलिस से मांग रखेंगे।

एटीएस ने आधे घंटे तक उमर से पूछताछ की

दिल्ली में गिरफ्तार अबू बकर के कैसरगंज थाने के सोनारी चौराहे पर स्थित मकान पर मंगलवार शाम साढ़े चार बजे एटीएस की टीम पहुंची। वह अपने साथ अबू बकर के भाई उमर को कैसरगंज थाने पर लाई। उससे उसके बारे में, विदेश यात्रा सम्बन्धी लगभग आधे घंटे तक पूछताछ की। मोहम्मद उमर अपनी स्कूटी से थाने आया था। जब उसे जाने को कहा गया, तब वह स्कूटी से वापस सौनारी चौराहे पर पहुंचा।