कुंभ 2019: महाशिवरात्रि पर आखिरी स्नान के लिए उमड़े श्रद्धालु, मंदिरों में जुटे भक्त

महाशिवरात्रि के आखिरी स्नान पर्व पर कुंभ की अमृतधार को अंतस में संजोने के लिए एक बार फिर भक्ति का जन प्रवाह प्रस्फुटित हुआ। हर मन में प्रयाग और हर दिल में संगम की पवित्रता का भाव लेकर लोग त्रिवेणी में डुबकी लगाकर जीवन धन्य बनाने के लिए उमड़ पड़े। श्रद्धा-भक्ति और विश्वास का कारवां उफनाया तो रविवार का शाम सब कुछ थम सा गया। न सड़कों पर पैदल चलने की जगह बची न संगम पर खड़ा होने की। कुंभ मेला प्रशासन ने आखिरी स्नान पर्व पर एक करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं के डुबकी लगाने का अनुमान लगाया है।

भोर से ही संगम की ओर आस्था की लहरें हिलोरें मारने लगीं। रेलवे स्टेशनों, बस अड्डों से उतरने वाले श्रद्धालुओं से सिविल लाइंस, बख्शी बांध, झूंसी और नैनी से संगम की ओर जाने वाली सड़केंपट गईं। कुंभ की पहचान बनीं सिर की गठरी फिर हर किसी के कंधे पर लटकी नजर आई। कोई झोला संभाले बढ़ा तो कोई कंबल और बिछौना बांधे हुए बढ़ता रहा। हर किसी की चाहत बस संगम पर पहुंचने की रही। लोग संगम का रास्ता पूछते मीलों पैदल चलते आगे बढ़ते रहे। सीएमपी चौराहा, बालसन चौराहा, सोहबतिया बाग

अंडरपास के निकट तो वाहनों की लंबी कतारें लगी रहीं। हर्षवर्धन चौराहे के पास से धक्का खाते पैदल चलने वालों को भी पसीना छूटता रहा। इससे आगे चाहे काली सड़क हो या लाल सड़क या फिर किला रोड और त्रिवेणी मार्ग। हर तरफ से लयबद्ध भीड़ जयकारे लगाते, गंगा माता के गीत गाते संगम की ओर बढ़ती रही। कुंभ मेला प्रशासन ने आखिरी स्नान पर्व पर सुरक्षित और व्यवस्थित डुबकी लगाने के इंतजामों की जानकारी दी।

बताया कि रेला उमड़ने की वजह से घाटों पर पैरामिलिट्री के अलावा पुलिस के जवानों की तैनाती की गई है। जल पुलिस के गोताखोर लगातार निगरानी कर रहे हैं। साथ ही एनडीआरएफ की टीमें भी तैनात कर दी गई हैं। भीड़ को देखते हुए एक से लेकर छह नंबर तक के सभी छह पांटून पुलों पर यातायात रोक दिया गया है, ताकि वाहनों की आवाजाही के चलते श्रद्धालुओं को पैदल आने-जाने में दिक्कतों का सामना न करना पड़े।

मुख्य बातें:- 
-450 अतिरिक्त जवान महाशिवरात्रि पर शिव मंदिरों में तैनात
-01 करोड़ से अधिक श्रद्धालु लगा सकते हैं आखिरी स्नान पर्व पर डुबकी
-02 अतिरिक्त पार्किंग गंगा पार सेक्टर-16 और 17 में बनाई गई