चंडीगढ़। हरियाणा की सभी दस लोकसभा सीटों पर निगाह जमाए बैठी भाजपा पहले उस घर में एंट्री का रास्ता तलाशेगी, जहां फिलहाल विरोधियों का कब्जा है। यह रास्ता कोई और नहीं बल्कि भाजपा अध्यक्ष अमित शाह खुद बनाएंगे। अपनी टीम को गुरु मंत्र देने के लिए अमित शाह 13 जनवरी को हरियाणा आ रहे हैैं। शाह हिसार में रहकर न केवल तीन लोकसभा सीटों के दायरे में आने वाले शक्ति केंद्र प्रमुखों व पालकों की बैठक लेंगे, बल्कि 28 जनवरी को हो रहे जींद उपचुनाव में जीत का मंत्र भी देकर जाएंगे।
मिशन 2019 के तहत भाजपा जाटलैंड रोहतक, बांगर-जाट बेल्ट हिसार और सुरक्षित सिरसा लोकसभा सीटों पर हर हाल में जीत हासिल करना चाहती है। यह तीनों सीटें विरोधी राजनीतिक दलों के पास हैैं। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के बेटे दीपेंद्र सिंह हुड्डा मोदी लहर में भी यहां से दूसरी बार सांसद चुनकर आए थे। हिसार में जननायक जनता पार्टी के दुष्यंत चौटाला सांसद हैैं, जबकि सिरसा लोकसभा सीट पर इनेलो के चरणजीत सिंह रोड़ी का कब्जा है।
यह तीनों लोकसभा सीटें भूपेंद्र हुड्डा, ओमप्रकाश चौटाला, अभय सिंह चौटाला, दुष्यंत चौटाला और कुलदीप बिश्नोई के प्रभाव वाली हैं। भाजपा को यहां मजबूत उम्मीदवारों की तलाश है। पार्टी ने हालांकि कलराज मिश्र को लोकसभा चुनाव का प्रभारी नियुक्त कर दिया है, लेकिन पार्टी मिशन 2019 फतेह करने के लिए किसी तरह का रिस्क लेने के मूड में नहीं है। लिहाजा अमित शाह खुद हरियाणा के चुनाव पर निगाह रखेंगे।
हरियाणा में मिशन 2019 की शुरुआत शाह उन सीटों से कर रहे हैं, जो फिलहाल भाजपा के पास नहीं है। हालांकि कुरुक्षेत्र में राजकुमार सैनी और भिवानी-महेंद्रगढ़ में धर्मवीर सिंह की रिप्लेसमेंट भी भाजपा को करनी होगी। सैनी अपनी पार्टी बना चुके और धर्मवीर लोकसभा चुनाव लडऩे से इंकार कर चुके हैैं। शाह हिसार में रहकर जींद उपचुनाव का भी फीडबैक लेंगे।
मुख्यमंत्री मनोहर लाल, भाजपा प्रभारी डॉ. अनिल जैन और प्रदेश अध्यक्ष सुभाष बराला ने तीनों लोकसभा सीटों के दायरे में आने वाले 5219 बूथ, 1049 शक्ति केंद्र प्रमुखों व पालकों को तैयारी करने के निर्देश दिए हैैं। राज्य भर में भाजपा के 17019 बूथ हैैं। शाह के दौरे के आसपास ही लोकसभा चुनाव प्रभारी कलराज मिश्र भी हरियाणा में अपनी गतिविधियां बढ़ा देंगे।
चर्चा से अछूता नहीं रहेगा जींद उपचुनाव
हरियाणा सीएम के मीडिया सलाहकार राजीव जैन का कहना है कि भाजपा अध्यक्ष को पहले नौ जनवरी को आना था, मगर अब वे हिसार 13 जनवरी को आ रहे हैैं। तीन लोकसभा सीटों के तहत शक्ति केंद्र प्रमुखों व पालकों की यह बैठक है, लेकिन जब चर्चा शुरू होती है तो जींद उपचुनाव कैसे अछूता रह सकता है। पार्टी हर हाल में राज्य की सभी 10 सीटों पर जीत हासिल करने की रणनीति पर काम कर रही है। मुख्यमंत्री की लोकप्रियता के चलते जींद उपचुनाव में भी भाजपा की जीत होगी।