चंडीगढ़। कहीं बाहर जाना है तो अपने यात्रा कार्यक्रम पर दाेबारा सोच लें। हरियाणा रोडवेज के कर्मचारी आज भी हड़ताल पर हैं और इस कारण रोडवेज की बसें आज भी सड़क से दूर रहेंगी। रोडवेज कर्मचारी मंगलवार से हड़ताल पर हैं। इस कारण हरियाणा में बस सेवाएं बुरी तरह प्रभावित हुई हैं। बसें नहीं चलने से यात्री बहुत परेशान हैं और भटक रहे हैं। दूसरी ओर, सरकार ने हड़ताली कर्मचारियों पर गाज गिरानी शुरू कर दी है। सरकार ने कर्मचारियों के साथ-साथ रोडवेज अधिकारियों पर भी कार्रवाई की है। सरकार ने हड़ताल में भाग लेने वाले प्राेबेशन पर चल रहे रोडवेज के चालकों और कंडक्टरों की सेवाएं समाप्त कर दी गई हैं। रोडवेज कर्मचारियों ने एस्मा लगाए जाने के बाद भी मंगलवार से दो दिन की हड़ताल शुरू कर दी थी।
हरियाणा रोडवेज की हड़ताल को लेकर मुख्यमंत्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में बैठक हुई अौर इसमें कई कठोर निर्णय किए गए। सरकार ने हड़ताली कर्मचारियों के साथ-साथ अधिकारियों पर भी गाज गिराई है। पलवल के महाप्रबंधक तथा बहादुरगढ़ के वर्कस मैनेजर को निलंबित कर दिया गया है।
मनोहरलाल सरकार ने हड़ताल को लेकर सबसे कड़ा कदम प्रोबेशन पर चल रहे कर्मचारियों को लेकर उठाया है। सरकार ने उन चालकों व परिचालकों की सेवाएं समाप्त कर दिया है जिन्होंने कल व आज की हड़ताल में भाग लिया। इन कर्मचारियों की सेवाएं आज से ही बिना कारण बताओ नोटिस जारी किए समाप्त कर दी गई है। इसके साथ ही हड़ताल में भाग लेने वाले प्रोबेशन पर चल रहे नवनियुक्त लिपिकों को निलंबित कर दिया गया है।
इसके साथ ही सरकार ने आउटर्सोसिंग पोलिसी 2 के तहत ठेके पर लगे 252 चालकों को भी निलंबित कर दिया गया है। सरकार 930 परिचालकों व 500 नए चालकों के पद भरने के लिए आउटर्सोसिंग पोलिसी 2 के तहत आज ही विज्ञापन करेगी।
बता दें कि रोडवेज में किलोमीटर स्कीम के तहत 720 निजी बसें चलाने के विरोध में उतरे रोडवेज कर्मचारी मंगलवार से हड़ताल कर रहे हैं। बुधवार को भी अधिकतर जगहों पर रोडवेज की बसें नहीं चल रही हैं। मंगलवार की तरह बुधवार को भी कई जगहों पर जैसे-तैसे पुलिस और प्रशासन ने विभिन्न स्थानों पर बसें डिपों से निकलवाईं, लेकिन अधिकतर बीच रास्ते में खड़ी हो गईं।
मंगलवार को अंबाला, करनाल और रोहतक सहित विभिन्न डिपों में पुलिस लाठीचार्ज में 50 से अधिक कर्मचारी नेताओं को चोटें आई हैं। एस्मा (आवश्यक सेवा अनुरक्षण कानून) के तहत पुलिस ने पूरे प्रदेश से 193 कर्मचारियों को गिरफ्तार कर मामले दर्ज किए हैं। 24 घंटे से अधिक जेल में रहने पर ये सभी कर्मचारी निलंबित हो जाएंगे।
पहले दिन 4083 रोडवेज बसों में से चल पाईं सिर्फ 400, साढ़े बारह लाख यात्री रहे दरबदर
धारा 144 और एस्मा लगाने, हाईकोर्ट की सख्ती और प्रदर्शनकारियों की वीडियोग्राफी कराने के बावजूद पूरे प्रदेश में 4083 रोडवेज बसों में चार सौ बसें ही सड़कों पर उतर पाईं। इससे करीब साढ़े बारह लाख यात्रियों को परेशानी हुई। ठसाठस भरी निजी बसों और अवैध वाहनों में भेड़-बकरियों की तरह उन्हें गंतव्य तक जाना पड़ा।
मंगलवार की तरह बुधवार को भी बस स्टैंडों पर कड़ी सुरक्षाा है और पुलि तैनात है। सुबह से रोडवेज के अधिकारी और प्रशासन बसें चलवाने की कोशिश में जुटे रहे। मंगलवार को वर्कशॉप से बसें निकालने के दौरान कई स्थानों पर झड़पें हुईं। अंबाला, करनाल और रोहतक में बसों का संचालन शुरू कराने में पुलिस के पसीने छूट गए।
हरियाणा रोडवेज कर्मचारी तालमेल कमेटी के नेताओं अनूप सिंह सहरावत, इंद्र सिंह बधाना, वीरेंद्र सिंह धनखड़, बाबूलाल यादव, जयभगवान कादियान, दीपक बल्हारा, सुमेर सिवाच, राम आसरे यादव, नरेश शास्त्री और वीरेंद्र डंगवाल सहित अन्य पदाधिकारियों को गिरफ्तार कर लिया गया। लाठीचार्ज में वीरेंद्र धनखड़ को चोटें भी आईं।
कहां कितनी गिरफ्तारियां
1. अंबाला 11
2. रोहतक 43
3. बहादुरगढ़ 61
4. फरीदाबाद में 43
5. नारनौल 17
6. कुरुक्षेत्र 05
7. कैथल 05
8. कालका 05
9. हिसार 03
कुल 193
बसों के संचालन पर भिड़ते रहे कर्मचारी
रोहतक में कर्मचारियों ने सुबह पहली बस नहीं निकलने दी। पूरे दिन में 22 बसें ही डिपो से निकल पाईं। सिरसा में 179 में से 27 बसें चली तो यमुनानगर की 160 में से केवल पांच बसें ही बस अड्डे से निकलीं। हिसार में सुबह सवा घंटे की देरी से पहली बस निकली, लेकिन बीच रास्ते में चालक-परिचालक बस को छोड़कर चलते बने। पानीपत में रोडवेज बेड़े की 140 में से 120 और जींद में 172 बसें डिपो में ही खड़ी रहीं। कैथल में 20 और अंबाला व कुरुक्षेत्र में 30-30 बसें गंतव्य की ओर रवाना हुईं। हालांकि झज्जर में हड़ताल का असर बेहद कम रहा और ज्यादातर बसें निर्धारित रूटों पर चली।
हड़ताल जारी रखने पर फैसला आज
तालमेल कमेटी नेताओं ने कहा हड़ताल 17 अक्टूबर को भी जारी रहेगी। तालमेल कमेटी की आपात बैठक बुलाई गई है जिसमें निर्णायक आंदोलन की घोषणा की जाएगी। दलबीर किरमारा ने कहा कि गिरफ्तार कर्मचारियों को नहीं छोड़ा तो हड़ताल को अनिश्चितकालीन के लिए बढ़ाया जा सकता है।
यात्रियों को बेहतर सुविधाएं देना प्राथमिकता : परिवहन सचिव
हड़ताल से निपटने के लिए सभी जिलों के डीसी-एसपी और रोडवेज महाप्रबंधकों की ड्यूटी लगाई है। मंगलवार को 1550 बसें चलीं। हड़ताली कर्मचारियों पर सख्त कार्रवाई की जा रही है। उम्मीद है कि बुधवार को ज्यादा असर नहीं रहेगा और बसें निर्धारित रूटों पर चल सकेंगी। यात्री सुविधाओं के लिए उठाए जा रहे कदमों का कुछ कर्मचारी यूनियनें अनावश्यक विरोध कर रही हैं। इसे बर्दाश्त नहीं किया जा सकता।