यूपी की अलीगढ़ पुलिस ने हरदुआगंज क्षेत्र में हुए तिहरे हत्याकांड समेत आधा दर्जन हत्याओं का खुलासा कर दिया है. इस मामले में पुलिस ने एटा के एक बड़े गैंग का पदार्फाश किया है. जिसके पांच शातिर बदमाश पुलिस के हत्थे चढ़ गए हैं. गिरफ्तार आरोपियों में एक पूर्व सभासद भी शामिल है.
अलीगढ़ के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अजय साहनी ने इन घटनाओं का खुलासा करते हुए बताया कि बीती 12-13 अगस्त को पाली मुकीमपुर में एक महंत और पुजारी की हत्या कर दी गई थी, जबकि बदमाश एक शख्स को मरा समझकर गंभीर अवस्था में छोड़कर भाग गए थे.
वहीं 26 अगस्त को अतरौली के गांव बहरावद में ट्यूबवेल पर सो रहे किसान और 14 सितंबर को हरदुआगंज के गांव कलाई के दुरैनी आश्रम में साधु और किसान दंपति की हत्या को अंजाम दिया गया था. इन सभी मामलों की जांच में जुटी पुलिस ने एटा के एक गिरोह को गिरफ्तार किया है.
एसएसपी के मुताबिक एटा के पूर्व सभासद साबिर अली उर्फ दिनेश प्रताप जाटव निवासी किदवई नगर के साथ-साथ उसके बेटे नदीम, सलमान, इरफान और यासीन निवासी अतरौली अलीगढ़ को गिरफ्तार किया गया है. इनके पास से 4 कंट्री मेड पिस्टल, कारतूस, नकदी और मृतकों के आधार कार्ड बरामद किए हैं.
एसएसपी ने बताया कि पूर्व सभासद साबिर अली उर्फ दिनेश प्रताप जाटव अप्रैल 2016 एटा में हुए शहर मु़फ्ती हत्याकांड में जेल गया था. मामला ट्रायल पर है. मुकदमे में कुछ लोग गवाह थे. उन्हीं गवाहों को फंसाने के लिए साबिर अली ने अपने गैंग के साथ तीन घटनाओं को अंजाम दिया और साधुओं समेत 6 लोगों की हत्याएं की.
एसएसपी साहनी ने बताया कि हत्या करके लूट को अंजाम देने वाले इस गैंग ने मौलवी हत्याकांड के गवाहों को इन हत्याओं में फंसाने के लिए पाली और हरदुआगंज में हुई वारदातों के घटनास्थल पर गवाहों के नाम और मोबाइल नंबर की पर्ची और पर्स छोड़ा था.
एसएसपी ने बताया कि इन हत्याओं में तीन आरोपी मुस्तकीम, साल और अफसर अभी तक फरार हैं, जिनकी गिरफ्तारी पर 25-25 हजार का इनाम घोषित किया गया है. इन सभी आरोंपियों पर गैंगस्टर एक्ट के अलावा एनएसए के तहत कार्रवाई की जा रही है.
उधर, इन हत्याओं का खुलासा करने वाली पुलिस टीम को 1.25 लाख के इनाम की घोषणा की गई है. इसमें डीजीपी ने 50 हजार, एडीजी आगरा ने 30 हजार, डीआईजी ने 25 हजार और एसएसपी ने 20 हजार के पुरुस्कार की घोषणा की है. डीजीपी ने सभी राजपत्रित पुलिस अफसरों को प्रशस्तिपत्र देने ऐलान भी किया है.