छावनी एयरफोर्स स्टेशन के भीतर बनी नागा बाबा की समाधि पर कोरोना की वजह से पिछले वर्ष मेला नहीं लग पाया था। गुरुद्वारा प्रधान सुरजीत सिंह ने बताया कि इस बार मेले के आयोजन के लिए एयरफोर्स अधिकारियों को पत्र लिखा गया है।श्रद्धा से जुड़े इस मेले को लेकर गुरुद्वारा प्रबंधन कमेटी ने अपनी तरफ से व्यवस्थाएं बनानी शुरू कर दी हैं। प्रधान ने बताया कि मेले की खुशी में तीन दिवसीय समागम होंगे। 11 फरवरी को गुरु चरणों में अरदास के उपरांत गुरुद्वारा परिसर में श्री अखंड पाठ साहिब आरंभ किए जाएंगे। 13 फरवरी तक श्री अखंड साहिब संपन्न किए जाएंगे। जानकारी के अनुसार वर्ष 1965 में जब पाकिस्तान ने छावनी एयरफोर्स स्टेशन की हवाई पट्टी को निशाना बनाते हुए बम गिराए तो एक भी धमाका नहीं हुआ था क्योंकि उस क्षेत्र में बाबा की समाधि बनी थी। उसी समय से सेना बाबा की समाधि पर पर पूजा करती आ रही है। एयरफोर्स के हवाले ही समाधि की सुरक्षा व सेवा का जिम्मा है।
सूखे कुएं में भर दिया था पानी
धूलकोट निवासियों ने बताया कि बुजुर्ग लोग बताते हैं कि पुरातन काल में गांव में एक फकीर बाबा आए थे। उनके साथ एक काले रंग का कुत्ता भी था। बाबा ने गांव में सूखे पड़े कुएं को पानी से भरकर चमत्कार कर दिया था। यह भी बताया जाता है कि बाबा पहले जिस गांव को छोड़कर आए थे, उनके आने के बाद वहां भयंकर आपदा आ गई थी। यहां आने के कुछ समय बाद बाबा ने यहीं देह त्याग दी थी। लोग बाबा की देह दफना रहे थे। इसी दौरान उनके साथ रहने वाले कुत्ते ने भी उसी गड्ढे में छलांग लगाकर जान दे दी थी।